देहरादून सचिवालय में 16वें वित्त आयोग की ब्रीफिंग, राजकोषीय संघवाद को मजबूत करने पर हुआ मंथन

देहरादून सचिवालय में 16वें वित्त आयोग की ब्रीफिंग, राजकोषीय संघवाद को मजबूत करने पर हुआ मंथन

रिपोर्ट : सचिन कुमार
स्थान : देहरादून

देहरादून सचिवालय मीडिया सेंटर में आज 16वें वित्त आयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण ब्रीफिंग का आयोजन किया गया। ब्रीफिंग में वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रो. अरविंद पनगढ़िया सहित आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने भारत के राजकोषीय संघवाद को और अधिक प्रभावी व संतुलित बनाने को लेकर आयोग की भूमिका और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

प्रो. पनगढ़िया ने बताया कि वित्त आयोग संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है, जो केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के न्यायसंगत वितरण की सिफारिश करता है। इसका उद्देश्य संघीय ढांचे को वित्तीय रूप से संतुलित बनाए रखना है। हर पाँच वर्ष में गठित होने वाले इस आयोग में एक अध्यक्ष व चार सदस्य होते हैं, जिन्हें वित्त, अर्थशास्त्र या लोक प्रशासन में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।

उन्होंने कहा कि 16वें वित्त आयोग को केंद्र-राज्य के बीच कर वितरण, राजस्व घाटे की पूर्ति, और स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने जैसी अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आयोग इस बात पर भी काम कर रहा है कि ऊर्ध्वाधर (केंद्र और राज्यों के बीच) व क्षैतिज (राज्य व राज्य के बीच) राजकोषीय असंतुलन को किस प्रकार दूर किया जा सके।

उत्तराखंड को लेकर विशेष चर्चा:

ब्रीफिंग के दौरान उत्तराखंड की वित्तीय स्थिति पर भी विशेष चर्चा की गई। आयोग ने बताया कि 2022-23 में केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 51,414 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में घटकर 36,045 करोड़ और 2024-25 में और घटकर 31,830 करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट राज्य के लिए चिंता का विषय है।

इस संदर्भ में आयोग और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच यह मंथन हुआ कि उत्तराखंड को राजकोषीय घाटे से कैसे बाहर निकाला जाए और राज्य के सीमित संसाधनों के बावजूद किस प्रकार स्थायी आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जाए। आयोग ने संकेत दिए कि वह राज्य की भौगोलिक और पर्यावरणीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सहायता व अनुदान को लेकर सकारात्मक विचार करेगा।

कार्यक्रम में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, वित्त विभाग से जुड़े प्रतिनिधि, और अन्य नीति-निर्माता भी मौजूद रहे। ब्रीफिंग के अंत में आयोग ने आम जनता व संस्थानों से भी सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि उनकी सिफारिशें जनभागीदारी आधारित और व्यावहारिक दृष्टिकोण पर आधारित होंगी।