
स्थान : रानीखेत
शांतिकुंज हरिद्वार से निकली ज्योति कलश रथ यात्रा सोमवार को रानीखेत पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने भक्ति और उत्साह के साथ रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया। यह यात्रा विश्व शांति, सद्भावना और सनातन संस्कृति के प्रचार के उद्देश्य से पूरे देश में भ्रमण कर रही है।

यात्रा का आयोजन अखंड ज्योति की शताब्दी वर्ष (2026) के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। गौरतलब है कि यह अखंड ज्योति वर्ष 1926 में हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में जलाई गई थी, जो पिछले 100 वर्षों से लगातार जल रही है।

ताड़ीखेत में हुआ स्वागत समारोह
यात्रा के रानीखेत पहुंचने पर ताड़ीखेत ब्लॉक प्रशासक हीरा सिंह रावत ने पवित्र ज्योति कलश की आराधना कर दीप प्रज्वलित किया और देश की शांति, सुरक्षा, खुशहाली तथा वीर सैनिकों की रक्षा के लिए प्रार्थना की।

इस अवसर पर गायत्री परिवार के प्रदेश प्रभारी दिनेश मैखुरी ने ब्लॉक प्रशासक को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में गायत्री परिवार के भीम सिंह, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र सिंह बिष्ट, डोल सिंह, तथा मातृशक्ति की सदस्याएं भी उपस्थित रहीं।

शांति का संदेश, संस्कृति का जागरण
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की दिशा में लोगों को प्रेरित करना है। यात्रा के माध्यम से युद्ध की नहीं, बल्कि शांति और सहयोग की बात की जा रही है, जो संपूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।

गायत्री परिवार की ओर से बताया गया कि वंदनीय भगवती देवी शर्मा माताजी की स्मृति में 2026 में आयोजित होने वाले शताब्दी वर्ष के आयोजन हेतु यह यात्रा देशभर में आमंत्रण देने का कार्य कर रही है।

संदेश:
ज्योति कलश रथ यात्रा न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में शांति, संस्कृति और सद्भाव को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।

