
स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट
लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय, जो चंपावत जिले के तीन प्रमुख ब्लॉकों—लोहाघाट, पंचेश्वर और दिगालीचौड़—का स्वास्थ्य केंद्र है, वर्तमान में गंभीर बुनियादी ढांचे की समस्याओं का सामना कर रहा है। हालांकि इसे उप जिला चिकित्सालय का दर्जा प्रदान किया गया है, लेकिन अस्पताल अभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पुराने भवनों में संचालित हो रहा है, जिससे स्थान की गंभीर कमी उत्पन्न हो रही है


अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के बावजूद, चिकित्सकों के बैठने के लिए पर्याप्त कक्षों की कमी, ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी कक्ष, वार्ड रूम, स्टोर, लैब रूम और कार्यालयों के लिए स्थान की अभाव जैसी समस्याएं बनी हुई हैं। अस्पताल प्रबंधन ने किसी तरह 35 बेड की व्यवस्था की है, लेकिन बढ़ते मरीजों के दबाव के कारण व्यवस्थाएं अपर्याप्त साबित हो रही हैं।


अस्पताल प्रशासन के पास खुद की 26 नाली से अधिक भूमि उपलब्ध होने के बावजूद, नए भवन के निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शंकर सिंह बोहरा और पूर्व सभासद राजकिशोर शाह ने सरकार से लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय के नए भवन के निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को अस्पताल में समुचित सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें बेहतर इलाज मिल सके।


हालांकि, हाल ही में लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है, जिससे क्षेत्र की जनता को राहत मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने ईएनटी सर्जन डॉ. अनु लसपाल और जनरल सर्जरी चिकित्सक डॉ. सुशांत सिंह की तैनाती की है, जो जल्द ही अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे। इससे पहले, अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को निराश लौटना पड़ता था।

हालांकि विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से कुछ राहत मिली है, लेकिन अस्पताल की बुनियादी ढांचे की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। नए भवन के निर्माण की दिशा में सरकार को शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

