
स्थान: चंपावत
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट
यदि आपने जंगलों में आग लगाने या अन्य तरीकों से वनों को नुकसान पहुंचाने का इरादा बनाया है, तो सावधान हो जाइए! अब आपके ही बीच का कोई व्यक्ति फोटो सहित वन विभाग को इसकी सूचना दे सकता है, और इसके आधार पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।


यह जानकारी कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक श्री धनंजय मोहन ने दी, जो बीते तीन दिनों से क्षेत्रीय भ्रमण पर थे। उन्होंने रविवार को एक पत्रकार वार्ता में बताया कि वन विभाग ने अब पुलिस विभाग की तर्ज पर गांव-गांव में अपने मुखबिर तैनात कर दिए हैं, ताकि वन अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि पहली बार ऐसे कई मामलों में कठोर कदम उठाए गए हैं।

वन संरक्षण में आधुनिक तकनीक का समावेश
मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि वनों को आग से बचाने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ आधुनिक तकनीक को जोड़ा गया है। उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर एप्प के जरिए कोई भी व्यक्ति आग लगने की सूचना दे सकता है। इस ऐप से विभाग के सभी कर्मचारी एवं अधिकारी जुड़े हुए हैं, जिससे कम समय में आग पर नियंत्रण पाना संभव हो सका है। इस तकनीक के अब तक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

वन्यजीव संघर्ष से निपटने को विशेष ट्रेनिंग और उपकरण
उन्होंने कहा कि शेर जैसे वन्य प्राणियों के व्यवहार को बदला नहीं जा सकता, लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी होगी। वन विभाग ने हर प्रभाग में अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं और संवेदनशील इलाकों में सोलर लाइट्स लगाई जाएंगी। साथ ही, हर स्तर के कर्मचारियों को वन्यजीव संघर्ष से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
शीतलाखेत और मायावती बनीं वन संरक्षण की मिसालें
मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि शीतलाखेत और मायावती वन पंचायतों ने वन संरक्षण और वृक्षारोपण में नई मिसाल कायम की है। भिंगराडा क्षेत्र में पिरुल से ब्रिकेट्स बनाने का कार्य प्रभावी ढंग से चल रहा है, जिससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। पिरुल संग्रह की कीमत अब ₹10 प्रति किलोग्राम कर दी गई है, जिससे महिला समूहों की आमदनी में वृद्धि हुई है।

चंपावत में पर्यटन और रोजगार की अपार संभावनाएं
उन्होंने कहा कि चंपावत में पर्यटन, इको-टूरिज्म और साहसिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। डीएफओ नवीन चंद्र पंत के नवाचारों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही चंपावत एक मॉडल जिला बनकर उभरेगा, जहां वन विभाग रोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराएगा।
इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं श्री धीरज पांडे, डीएफओ श्री नवीन चंद्र पंत, और एसडीओ नेहा चौधरी भी मौजूद रहे।

