
स्थान -लालकुआँ
रिपोर्टर :- मुन्ना अंसारी
तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज क्षेत्र में एक 20 वर्षीय नर हाथी की रेलवे पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद वन विभाग और रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया है।


मृत हाथी का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों की एक विशेष पैनल टीम द्वारा किया जा रहा है। मौके पर उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल जोशी, वन क्षेत्राधिकारी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अनिल जोशी ने जानकारी दी कि हाथी की मौत ट्रेन से टकराने की वजह से हुई है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

हाथी की मौत के संबंध में ट्रेन के लोको पायलट के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इसी स्थान पर पहले भी एक मादा हाथी की इसी प्रकार ट्रेन की चपेट में आने से मृत्यु हो चुकी है। उस समय रेलवे ने ट्रेन की गति को धीमा करने का निर्णय लिया था, परंतु ताज़ा घटना ने फिर से रेलवे और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वन्यजीव विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों का मानना है कि ऐसे हादसे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवागमन मार्गों में मानव हस्तक्षेप और सुरक्षा उपायों की कमी का परिणाम हैं।
घटना स्थल तराई पूर्वी वन प्रभाग के गौला रेंज क्षेत्र में आता है, जहाँ वन्यजीवों की आवाजाही पहले से रही है। बताया जा रहा है कि हादसा उसी रेल पथ पर हुआ जहाँ पूर्व में भी हाथियों की मौत हो चुकी है।
हादसे की जानकारी मिलते ही गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सहित वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची और हाथी के शव का निरीक्षण किया। विभागीय अधिकारियों द्वारा वन्यजीव मौत की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह इलाका हाथियों के कॉरिडोर (गमन-पथ) में आता है, लेकिन बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं से वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वन विभाग द्वारा घटना की जांच की जा रही है और रेलवे को भी इस संबंध में सूचना दे दी गई है।
