जनकल्याण को रफ्तार: मुख्यमंत्री धामी ने 18 महानुभावों को सौंपे विभागीय दायित्व

जनकल्याण को रफ्तार: मुख्यमंत्री धामी ने 18 महानुभावों को सौंपे विभागीय दायित्व

देहरादून

विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और अनुश्रवण में आएगी तेजी

प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और अनुश्रवण को गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के 18 महानुभावों को विभागीय दायित्व सौंपे गए हैं। सरकार का मानना है कि इन दायित्वों के माध्यम से योजनाओं कीजमीनी स्तर पर निगरानी और कार्यान्वयन में और अधिक गति एवं पारदर्शिता आएगी।

Oplus_131072

इस संबंध में जानकारी देते हुए सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा निम्नलिखित दायित्व वितरित किए गए हैं:

  1. बलवीर घुनियाल – उपाध्यक्ष, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति
  2. सुरेन्द्र मोघा – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड
  3. भुवन विक्रम डबराल – उपाध्यक्ष, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति
  4. सुभाष बर्थवाल – उपाध्यक्ष, राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद
  5. पुनीत मित्तल – उपाध्यक्ष, नगरीय पर्यावरण संरक्षण परिषद
  6. गिरीश डोभाल – उपाध्यक्ष, प्रदेशीय मौन परिषद
  7. गीताराम गौड़ – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड जनजाति सलाहकार परिषद
  8. डा. जयपाल – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति
  9. देशराज कर्णवाल – उपाध्यक्ष, समाज कल्याण योजनाएं एवं अनुश्रवण समिति
  10. अजीत चौधरी – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य किसान आयोग
  11. प्रताप सिंह पंवार – उपाध्यक्ष, राज्य औषधीय पादप बोर्ड
  12. जगत सिंह चौहान – उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति
  13. गीता रावत – अध्यक्ष, राज्य स्तरीय सतर्कता समिति
  14. शंकर कोरंगा – उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय जलागम परिषद
  15. महेश्वर सिंह महरा – उपाध्यक्ष, चाय विकास सलाहकार परिषद
  16. सरदार मनजीत सिंह – सह अध्यक्ष, प्रदेश स्तरीय गन्ना विकास सलाहकार समिति
  17. नवीन वर्मा – उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद
  18. अशोक नबयाल – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड जनजाति सलाहकार परिषद

सरकार को विश्वास है कि इन दायित्वों के तहत विभागीय योजनाओं के संचालन में पारदर्शिता, समयबद्ध क्रियान्वयन और लाभार्थियों तक पहुंच में स्पष्ट सुधार देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री का यह कदम जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे आमजन तक योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचेगा।