चारधाम यात्रा से पहले इक्वाइन इन्फ्लुएंजा का अलर्ट!

चारधाम यात्रा से पहले इक्वाइन इन्फ्लुएंजा का अलर्ट!

रिपोर्ट – दीपक नौटियाल

स्थान – उत्तरकाशी

घोड़े-खच्चरों में संक्रमण की पुष्टि, सरकार सतर्क—बिना जांच नहीं मिलेगा प्रवेश
चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ गई है। यात्रा मार्गों पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों में संक्रामक रोग ‘इक्वाइन इन्फ्लुएंजा’ की पुष्टि होने के बाद शासन-प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।

सरकार ने तुरंत ऐक्शन लेते हुए घोड़े-खच्चरों के ब्लड सैंपल लेना शुरू कर दिया है। यात्रा मार्ग पर किसी भी संक्रमित पशु की पहचान होते ही उसे तुरंत क्वारंटीन कर उपचार दिया जाएगा। रुद्रप्रयाग जिले में क्वारंटीन केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि संक्रमित पशुओं को आम पशुओं से अलग रखा जा सके।

पशुधन प्रसार अधिकारी सुभाष रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा मार्ग में चलने वाले सभी घोड़ों और खच्चरों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा, बाहर से आने वाले घोड़े-खच्चरों को बिना स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और इक्वाइन इन्फ्लुएंजा की निगेटिव रिपोर्ट के उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर हर जानवर की अनिवार्य जांच की जा रही है।

राज्य सरकार इस संक्रमण को गंभीर खतरे के रूप में देख रही है, क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान हजारों घोड़े-खच्चर तीर्थयात्रियों को पर्वतीय मार्गों पर लाने-ले जाने का काम करते हैं। ऐसे में संक्रमण का फैलना यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा संचालन दोनों के लिए खतरा बन सकता है।

सरकार ने स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग को संयुक्त निगरानी के निर्देश दिए हैं, साथ ही जरूरी दवाओं और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।