उत्तराखंड के रुदप्रयाग
उत्तराखंड के रुदप्रयाग के कुछ ग्राम सभाओं में बोर्डों पर नोटिस चस्पा किये गए थे कि गांव में कोई भी गैर हिन्दू व्यापार के लिए नहीं आयेगा। हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद गैर हिंदू की जगह बाहरी शब्द लिख दिया गया। आरोप है कि गैर हिन्दू फेरी वाले लड़कियों को भगाने से लेकर चोरी की घटनाओं तक में लिप्त पाये जा रहे हैं।
- उत्तराखंड की जनसंख्या में बदलाव की बात अब खुले मंचों पर होने लगी है
- पर्वतीय क्षेत्रों में भी लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे मामलों में बढ़ोत्तरी हुई
- इसे लेकर लोगों का आक्रोश सड़कों पर जुलूस के रूप में दिखाई दिया
रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड की जनसंख्या में बदलाव की बात अब खुले मंचों पर होने लगी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी जनसांख्यिकी परिवर्तन के चलते लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे मामलों में बढ़ोत्तरी हुई और सीमांत जिले भी आंदोलन की आग में झुलस गए। लोगों का आक्रोश सड़कों पर जुलूस के रूप में दिखाई दिया। वहीं अब बाबा केदार की नगरी के कुछ ग्राम सभाओं ने अपने क्षेत्रों में गैर हिन्दुओं और रोहिंग्या मुसलमानों के व्यापार करने पर दंडात्मक कार्यवाही करने का नोटिस चस्पा किया है। लेकिन बाद में पुलिस ने इन पोस्टरों को हटवा दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि पहले ‘साइन बोर्ड’ पर ‘गैर-हिंदू व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ लिखा गया था, लेकिन अब उसकी भाषा बदलकर ‘अपरिचित व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ कर दी गई है। ग्रामीणों के अनुसार, स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ऐसा किया गया है। रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने कहा कि सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। धार्मिक आधार वाले ‘साइन बोर्ड’ लगाने की इजाजत किसी को नहीं है।
उत्तराखंड में कुमाऊं का सीमांत क्षेत्र हो या गढ़वाल का बॉर्डर से लगता हुआ जिला, सभी जगह डेमोग्राफी चेंज का असर दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज से पहले लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मामलों पर पूरा सरकारी तंत्र मशक्कत कर चुका है। व्यापक तौर पर लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान भी चलाया गया, वहीं अब डेमोग्राफिक चेंज के लिए विशेष अभियान चलाने के आदेश सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जारी किए हैं।