महाष्टमी पर द्वाराहाट के दूनागिरी मंदिर में सुबह से भक्तों की लंबी कतार

महाष्टमी पर द्वाराहाट के दूनागिरी मंदिर में सुबह से भक्तों की लंबी कतार

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रिपोटर-विमल साह

स्थान-द्वाराहाट

द्वाराहाट के दूनागिरी मंदिर में आज अष्टमी के दिन प्रातः काल से ही भक्तों की भीड़ लगनी सुरु हो गई करीब आधे किमी तक लाइन लग गई |

उस पर भी लोगों ने बड़े ही शांति और धैर्य के साथ माता रानी के दर्शन किए।बता दें कि द्वाराहाट से 14किमी दूर दूनागिरी पर्वत पर माता दूनागिरी का शक्ति वैष्णो पीठ स्थापित है, जहां यूं तो पूरे वर्ष भर भक्त आते हैं | मगर शारदीय और चैत्र नवरात्रों में यहां देखते ही बनता है स्थानीय ही नहीं बल्कि देश विदेश से भक्त यहां पहुंचते हैं।कहते हैं कि जब द्वापर युग में भगवान राम के अनुज लक्ष्मण को मेघनाद के साथ युद्ध करते समय शक्ति लगी थी तो लक्ष्मण के प्राणों पर संकट आ गया था |

ऐसे में लंका के सुशेन वैद्य ने संजीवनी लाने की बात कही जोकि हिमालय के तलहटी पहाड़ों पर पाई जाती थी हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने गए, तो पहचान नहीं पाए और पूरा पहाड़ ही उठा लिए इधर भरतकोट पर्वत पर भरत जी तपस्या कर रहे थे और उन्होंने देखा कि कोई पूरा पहाड़ लेकर उड़ रहा है उन्हें लगा कि कहीं ये भगवान श्री राम का शत्रु न हो इसलिए बाण हनुमान पर चला दिया बाण लगते हि हनुमान एक पल को हिले जिससे पर्वत का एक टुकड़ा यहां पर गिर गया जिस कारण इस स्थान का नाम दूनागिरी पड़ा।

बता दें कि इस स्थान पर आज भी कई कीमती औषधि पाई जाती है कहते हैं संजीवनी भी यहां पर है आवश्यकता पहचान करने की है। आज माता दूनागिरी का महात्म्य पूरे राज्य और राज्य के बाहर भी है जिस कारण यहां पर भक्तों की अपार आस्था है।यहां पर काफी दुकानें सजी हैं जहां से माता के लिए सारी सामग्री मिल जाती है।