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रिपोटर – ब्यूरो रिपोट
स्थान – देहरादून
मानसून सत्र के दूसरे दिन विधानसभा के पटल पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा कैग की रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में सरकार ने वर्ष 2005-06 से लेकर वर्ष 2021-22 तक 47 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट बिना मंजूरी के खर्च कर दिया।
कैग रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन के पटल पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भारत के नियंत्रक महा लेखा परीक्षक की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2005 से लेकर 2022 तक उत्तराखंड सरकार ने बिना विधानसभा की मंजूरी के 47 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट खर्ट कर दिया।
विधानसभा की मंजूरी के बिना 47, 758 करोड़ का बजट खर्च
कैग की रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय लेखों को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2005-06 से लेकर वर्ष 2021-22 तक 47, 758 का बजट खर्च कर दिया और उसके बाद उसे विधानसभा से रेगुलराइज भी नहीं कराया। रिपोर्ट में इसे लेकर सवाल उठाए गए हैं।
कैग ने उठाए गंभीर सवाल
बता दें कि सरकार की ओर से जितना भी बजट खर्च किया जाता है उसके विधानसभा से पास कराना होता है। एक तय सीमा से ज्यादा का बजट खर्ट होने पक उसे बाद में विधानसभा से रेगुलाराइज कराना होता है।लेकिन उत्तराखंड में पिछले 17 सालों में ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिसका खुलासा कैग की रिपोर्ट में होने के बाद अब कैग ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
खर्च नहीं हुआ 7072 करोड़ का अनुपूरक बजट
इसके साथ ही कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 7072 करोड़ का अनुपूरक बजट खर्च ही नहीं हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने अनुपूरक बजट में 40 योजनाओं के लिए 7072 करोड़ का प्रावधान किया। लेकिन सरकार द्वारा इस धनराशि का उपयोग ही नहीं किया गया। इससे अनुपूरक बजट की व्यवस्था ही बेकार हो गई है।