बाघ के हमले की फॉरेंसिक जांच में जुटा विभाग

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रिपोटर -अशोक सरकार

स्थान -खटीमा

तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा सबडिवीजन में स्थित सुरई वन रेंज से लगे सीमांत ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए एवं बीते रोज बाघ द्वारा एक व्यक्ति को फिर शिकार बनाएं जाने की घटना के बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। बाघ की सक्रियता एवं व्यवहार को समझने के लिए बीते दिन बाघ द्वारा किए गए हमले की जगह का वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल की टीम ने बायोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत कुमार के साथ गहन निरीक्षण किया। इस दौरान हमलावर बाघ के पद चिन्हों को भी फॉरेंसिक टीम के द्वारा संकलित किया गया

निरीक्षण के दौरान घटनास्थल पर ट्रेसिंग, कास्टिंग, फुट प्रिंटिंग एवं जीपीएस रीडिंग के द्वारा साक्ष संकलित किए गए साथ ही इस दौरान टीम के द्वारा बाघ के द्वारा प्रयुक्त होने वाले जंगली रास्तों में ट्रैकिंग कैमरा एवं ऑडियो रिकॉर्डिंग यंत्र भी स्थापित किए गए। इस पूरी कवायत के बारे में जानकारी देते हुए खटीमा सबडिवीजन के एसडीओ संतोष पंत ने मीडिया को बताया कि क्षेत्र में बढ़ रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए विभाग द्वारा वन्यजीवों की ट्रैकिंग करने हेतु आवश्यक यंत्रों की स्थापना की जा रही है

साथ ही वन क्षेत्र के सीमांत इलाकों में बसे सतपुड़ा, बग्गा रतनपुर, जामोर, भरतपुर, रमकोला, महोफ जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों से मॉनसून सीजन के दौरान जंगल में न जाने की अपील की मुनादी भी करवाई जा रही है।