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रिपोटर-दीपक नौटियाल
स्थान -उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जनपद से है जहां पर बीते रोज डुण्डा प्रखंड के जूनियर हाईस्कूल नवागांव में शिक्षकों वैगेर चल रही कक्षाओं का मामला जब स्थानीय लोगों द्वारा सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया और हमारे ने भी इस खबर को प्रमुखता से उठाया तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और चारों ओर चर्चा होने लगी इसकी सूचना अधिकारियों को भी दी गयी थी जिससे आज नवागांव के इस विद्यालय में शिक्षा विभाग से खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत विद्यालय पर पहुंची और अनुपस्थिति शिक्षकों की जमकर क्लास लगाई। उन्होने मीडिया के साथ वार्ता के दौरान ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि संबंधित दोषी शिक्षकों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जायेगी।आपको बता दें कि नवागांव जुनियर हाईस्कूल में मात्र सात बच्चों पर तीन अध्यापक बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए कार्यरत हैं मगर विगत तीन दिन से अध्यापक स्कूल से नदारद रहते आ रहे थे और बच्चे स्कूल जाते तथा मध्यान भोजन कर घर को लौट जाते।
रोज-रोज का यह मंजर देखते हुए गांव के एक ब्यक्ति ने इसका वीडीओ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जो खूब वायरल हुआ चारों तरफ विभाग की किरकिरी भी हुई। खबर का संज्ञान लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत सुबह सुबह स्कूल पहुंची तो ग्रामीण भी स्कूल में आ गये । हर्षा रावत ने ग्रामीणों से वार्तालाप करते हुए कहा कि यहां तीन अध्यापक तैनात हैं जिनमें एक मेडिकल लीव पर और दूसरे को कुछ समय की ब्यवस्था के लिए गेंवला ऐटैच किया गया था मगर आज ही उन्हें वापस बुला लिया गया है जो अध्यापक ड्यूटी पर यहां तैनात हैं वह लैंड स्लाइड के कारण रास्ते में फंस गया था और स्कूल नहीं आ पाया। लेकिन यह लापरवाही तो है ही और संबंधित अध्यापक से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है जो भी उचित होगा उच्च अधिकारियों से सलाह कर संबंधित अध्यापक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाहीं जरूर की जायेगी।
वही खंड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक का शराब पीकर विद्यालय में आने पर अपलोड वीडियो पर फोकस करते हुए बच्चों से वार्तालाप की। बच्चों ने खंड शिक्षा अधिकारी के समक्ष भी स्वीकारा कि वीडियो बनाने के दौरान उन्होंने सब सच कहा है शिक्षक विद्यालय में शराब पीकर आते हैं और इसका आभास उन्हें क्लास रूम में शराब की महक आने व शिक्षक की अभद्र भाषा से तुरंत हो जाता है।बच्चों से वार्तालाप करने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत स्कूल के शैक्षिक स्तर से बहुत ही निराश हुईं।उन्होंने जब बच्चों का शैक्षिक स्तर देखा तो वै हैरान हो गई।
जूनियर के कुछ बच्चे अपना नाम नहीं लिख पाये । अंग्रेजी और विज्ञान ,गणित का शैक्षिक स्तर तो बच्चों में शून्य ही था। और गणित व विज्ञान में बच्चों की कापियों का तो अध्यापकों ने 2 माह से मूल्यांकन भी नहीं किया था। उन्होंने आश्चर्य जताया कि सात बच्चों पर तीन अध्यापक है फिर भी बच्चों का शैक्षिक स्तर शून्य के बराबर है। प्रधान प्रतिनिधि भगवंत खंडूरी और स्थानीय ग्रामीणों ने लिखित में शिक्षा अधिकारी से पूरे स्टाफ को अन्यत्र अलग-अलग दूरस्थ क्षेत्रों भेजने की अपील की जिस पर उन्हें आश्वस्त किया गया कि मामला गंभीर है और इस पर विभागीय आवश्यक कार्यवाही अवश्य होगी।