उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सबसे पहले खबरें जानने के लिए हमारे न्यूज़ ही चैनल. News Portal uk सब्सक्राइब जरूर करें ख़बरों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9634912113,- 8057536955 न्यूज़ पोर्टल, उत्तराखंड के यूट्यूब चैनल में सभी विधान सभा स्तर पर संवाददाता\विज्ञापन संवाददाता, ब्यूरो चीफ की आवश्यकता हैं
रिपोटर-ब्यूरो रिपोट
देशभर के बीएड डिग्रीधारियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रीट लेवल 1 शिक्षक भर्ती को लेकर बीटीसी और बीएड के बीच चल रहे विवाद में बीटीसी के हक में फैसला सुनाया है। मामले में कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब केवल BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 में पात्र होंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजस्थान में भी असर पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल BTC डिप्लोमा धारक ही तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा यानी लेवल वन के लिए पात्र माने जाएंगे। बीएड डिग्री धारक प्राइमरी शिक्षक भर्ती (कक्षा 1-5 तक) के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इस संबंध में फैसला सुनाया है। इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 30 मई 2018 के उस नोटिफिकेशन को भी रद्द कर दिया है, जिसमें बीएड डिग्री धारकों को भी रीट लेवल वन के लिए योग्य माना गया था। एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन के बाद ही पूरे विवाद ने जन्म लिया था
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के बीटीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। वहीं बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान के भी लाखों बीएड पास कैंडिडेट्स पर इस फैसले का असर पड़ेगा। इस फैसले के बाद अब अब तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 के लिए केवल BTC डिप्लोमा धारक ही पात्र होंगे। इससे पहले एनसीपीई ने बीएड अभ्यर्थियों को भी लेवल-1 के लिए पात्र माना था। एनसीटीई ने 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य जाएगा. अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा. राजस्थान में रीट लेवल-1 में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने पर बीटीसी डिप्लोमाधारी आंदोलन पर उतर आए थे. इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा था