
रानीखेत
रिपोर्ट संजय जोशी
मिशन इंटर कॉलेज सभागार में तीन दिवसीय अंत:चेतना चित्रकला प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ हुआ। इस एकल चित्रकला प्रदर्शनी में परंपरागत शैली की चित्रकारी को प्रमुखता दी गई है, जिसे समकालीन कला की चकाचौंध में एक नई ऊंचाई देने का प्रयास किया गया है।


मुख्य अतिथि छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी कुनाल रोहिला ने फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर कला वीथिका का शुभारंभ किया। उन्होंने चित्रकार प्रकाश पपनै की कृतियों का अवलोकन कर उनकी कलात्मक गहराई की सराहना की। इस अवसर पर सांस्कृतिक समिति के हरीश लाल साह और हस्तशिल्पी भुवन साह ने अतिथियों का स्वागत पौधा भेंट कर किया।


कार्यक्रम में बोलते हुए श्री रोहिला ने कहा कि पारंपरिक ऐपण शैली और समकालीन चित्रों के अनूठे मिश्रण से कलाकार ने एक अभिनव कला संसार रचा है। उन्होंने कलाकारों के लिए छावनी परिषद में स्थायी गैलरी निर्माण का प्रस्ताव रखने की भी घोषणा की।
कार्यक्रम संयोजक विमल सती ने चित्रकार प्रकाश पपनै के अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैले कला-यात्रा का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि पपनै की प्रदर्शनियां दिल्ली, देहरादून के साथ-साथ चीन के बीजिंग, शंघाई और ग्वांग्झू में भी लग चुकी हैं।


चित्रकार प्रकाश पपनै ने कहा कि गृह क्षेत्र में चित्रकला प्रदर्शनी लगाना उनका सपना था, जिसे आयोजन समिति के सहयोग से पूरा किया गया। उन्होंने रंगों, कूंची और संवेदनाओं से जुड़ी अपनी रचनात्मक यात्रा को साझा करते हुए सभी सहयोगियों का आभार जताया।

बॉलीवुड में पदार्पण कर चुके उत्तराखंड के गायक कौशल सती ने कुमाऊंनी और फिल्मी गीतों से दर्शकों का मन मोह लिया। सांस्कृतिक समिति की ओर से उन्हें प्रतीक चिह्न भेंट किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील मसीह ने और संचालन दीपक पंत ने किया।
इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति और कला प्रेमी उपस्थित रहे, जिनमें विमला बिष्ट, विनोद खुल्बे, जोगेंद्र बिष्ट, डॉ. पारूल भारद्वाज, मुकेश साह, खजान पांडे, और विनय पपनै प्रमुख थे।

