
देहरादून
रिपोर्ट -सचिन कुमार
उत्तराखंड की धामी सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य की हज कमेटी में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को प्रतिनिधित्व प्रदान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सुझाव पर तीन मुस्लिम महिलाओं को हज कमेटी का सदस्य नामित किया गया है, जिससे हज यात्रा से जुड़ी नीतियों, योजनाओं और समस्याओं पर महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।


शासन द्वारा जारी सूची के अनुसार, कोटद्वार नगर निगम की पार्षद रिजवाना परवीन, हल्द्वानी की तरन्नुम खान, और अल्मोड़ा की शाहिदा सिराज को उत्तराखंड हज कमेटी का सदस्य बनाया गया है। यह नियुक्ति न केवल महिला सशक्तिकरण, बल्कि समावेशी प्रशासन की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले पर कहा, “हज यात्रा पर जाने वाली मुस्लिम महिलाओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राज्य गठन के बाद पहली बार उन्हें हज कमेटी में प्रतिनिधित्व देकर हमने यह सुनिश्चित किया है कि वे अपनी बात सीधे कमेटी के समक्ष रख सकें।”

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने भी सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा, “यह कदम न केवल विचार और निर्णय में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि मुस्लिम समाज की महिलाओं को सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।”

धामी सरकार के इस फैसले को व्यापक रूप से महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशन की दिशा में प्रेरणादायी पहल के रूप में देखा जा रहा है

