
स्थान:लोहाघाट( चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट

चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के मरोड़ाखान तल्ला बंतोली सड़क में बीस साल से डामरीकरण न होने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। सोमवार को ग्राम प्रधान प्रशासक नारायण सिंह फर्त्याल के नेतृत्व में गांव के महिला और पुरुष एसडीएम कार्यालय लोहाघाट पहुंचे और सड़क के डामरीकरण की मांग करते हुए “रोड नहीं तो वोट नहीं” के नारे लगाए।

आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन दिया और पीडब्ल्यूडी कार्यालय लोहाघाट पहुंचे। लेकिन वहां किसी भी अधिकारी के न मिलने से ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद, ग्रामीणों ने कार्यालय के बाहर धरना देना शुरू कर दिया और विभाग पर भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के गंभीर आरोप लगाए।

काफी देर बाद, अभियंता कैलाश आर्य और कनिष्ठ अभियंता बबीता मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने इन दोनों अभियंताओं का घेराव करते हुए सड़क में डामरीकरण की जोरदार मांग की। इस दौरान ग्रामीणों ने दोनों अभियंताओं को काफी खरी-खोटी सुनाई। अभियंताओं ने दो दिन के भीतर कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने “कमीशन खोरी बंद करो” के नारे लगाए।ग्राम प्रधान नारायण फर्त्याल और ग्रामीणों का कहना है कि 20 साल पहले सड़क कटी थी, लेकिन आज तक डामरीकरण नहीं हुआ। वर्तमान में, जिला योजना से सड़क के एक किलोमीटर डामरीकरण का प्रस्ताव हुआ है, लेकिन पीडब्ल्यूडी की लापरवाही और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते यह काम शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सड़क में डाले गए रोड़े की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

ग्रामीणों ने कहा कि सीएम पोर्टल पर शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। 2022 विधानसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था, जिसके बाद जिलाधिकारी ने सड़क में डामरीकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बाद भी यह कार्य नहीं हुआ है।महिलाओं ने बताया कि सड़क के अभाव में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं और बीमारों को डोली के सहारे सड़क तक लाना पड़ता है। महिलाओं ने यह भी कहा कि वे गेहूं कटाई और अन्य काम छोड़कर सरकारी कार्यालयों के धक्के खा रही हैं।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे पंचायत चुनाव के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी कार्यालय लोहाघाट में तालाबंदी करेंगे। इसके बाद, ग्रामीण डीएम चंपावत से मिलने के लिए रवाना हो गए।अब देखना यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग इस मामले का संज्ञान लेकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कब करता है।

