
स्थान: लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट
टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के देवराड़ी बैंड से प्रस्तावित लोहाघाट बाईपास निर्माण को लेकर प्रशासन ने सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। लेकिन जैसे ही सर्वे टीम राईकोट गांव पहुंची, ग्रामीणों ने अपनी उपजाऊ भूमि के प्रभावित होने पर कड़ा विरोध जताया।


- तहसीलदार जगदीश नेगी के नेतृत्व में राजस्व उप निरीक्षक नीरज कुमार, कौशल पुनेठा, रामीराम एवं एनएच विभाग के अधिकारी सर्वे के लिए मौके पर पहुंचे।
- सर्वे में सामने आया कि गांव की अधिकांश कृषि भूमि और नाप भूमि बाईपास के दायरे में आ रही है।
- बाईपास का प्रस्ताव करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा और 24 मीटर चौड़ा है।

- ग्राम प्रधान प्रशासक सरोज कुवर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज किया।
- प्रशासक प्रतिनिधि प्रदीप कुवर ने कहा कि गांव के अधिकांश लोग खेती और दुग्ध उत्पादन से जीवन यापन करते हैं, और अगर यह बाईपास बनता है तो वे भूमिहीन हो जाएंगे।
- ग्रामीणों की मांग है कि बाईपास ऐसा प्रस्तावित किया जाए जिससे कृषि भूमि को न्यूनतम क्षति पहुंचे।
- उन्होंने साफ कहा, “बाईपास का विरोध नहीं है, लेकिन हमारी उपजाऊ और नाप भूमि से निर्माण नहीं होने देंगे।”

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया और बाईपास को वर्तमान प्रस्तावित मार्ग से ही बनाया गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और शासन की होगी।
- राईकोट गांव कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, जहां लहसुन और आलू की खेती पूरे जिले में प्रसिद्ध है।
- यहां के लोग मुख्य रूप से खेती-बाड़ी और पशुपालन से अपना जीवन यापन करते हैं।

- सर्वे में शामिल अधिकारियों ने ग्रामीणों को उचित कार्रवाई और पुनः मूल्यांकन का भरोसा दिलाया है।
- प्रशासन ने कहा है कि जनहित और विकास दोनों को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा।

