
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर करीब 12 घोड़े और खच्चरों में एक्वाईन इन्फ्लुएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। इससे सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। यह वायरस पशुओं में तेजी से फैल सकता है, जिससे यात्रा के दौरान संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।


पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मंगलवार को सचिवालय में बैठक कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में 12 घोड़े और खच्चर वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिन्हें अब क्वारंटीन कर दिया गया है। सभी घोड़े-खच्चरों के मालिकों को इन्हें अन्य जानवरों से दूर रखने की हिदायत दी गई है।
मंत्री बहुगुणा ने यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान इन घोड़ों और खच्चरों की स्क्रीनिंग को लेकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि लापरवाही करने वाले अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


इसके अलावा, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों को राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी अलर्ट रहने को कहा गया है। मंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी घोड़ा बिना स्वास्थ्य परीक्षण के यात्रा पर न जाए।
इस संक्रमण से बचाव के लिए रुद्रप्रयाग जिले में दो क्वारंटीन सेंटर बनाए जाएंगे – एक फाटा में और दूसरा कोटमा में। मंत्री ने स्पष्ट किया कि चारधाम यात्रा में किसी भी रोगग्रस्त घोड़े या खच्चर को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चारधाम यात्रा के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को, बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को और केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले जाएंगे। श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे।


