रानीखेत ।
संजय जोशी
रक्षा मंत्रालय ने छावनी परिषद में वैरी बोर्ड का कार्यकाल एक साल के लिए और बढा दिया है। अब अगले साल तक कैंट बोर्ड में नामित सदस्य ही नागरिकों का प्रतिनिधित्व करेंगे। बोर्ड का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त हो रहा था। बता दें कि छावनी की सिविल एरिया को निकाय में विलय करने का मामला निरंतर गतिमान है। इस कारण कार्यकाल बढ़ाया गया है।
कुमाऊं की सबसे बड़ी कैंट के रूप में शुमार रानीखेत छावनी परिषद के नामित सदस्य मोहन नेगी को चौथी बार बोर्ड का सदस्य नामित किया गया है। रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल की तरफ से 31 दिसंबर को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें देश की 56 छावनी परिषदों के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया गया है। फरवरी 2021 में निर्वाचित छावनी परिषदों का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
जिसके बाद कैंट में वैरी बोर्ड का गठन किया गया। वैरी बोर्ड में तीन सदस्य कमांडेंट, मुख्य अधिशासी अधिकारी एवं जनता की तरफ से एक नामित सदस्य होते हैं। फ़रवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय द्वारा छावनी परिषद रानीखेत में मोहन नेगी को सदस्य नामित किया गया था। तब से कई बार वैरी बोर्ड का विस्तार किया गया है।
निकाय में शामिल करने के लिए संघर्षरत हैं लोग
रानीखेत। छावनी परिषद की सिविल एरिया को नगर पालिका में शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय में भी यह प्रक्रिया पिछले चार सालों से गतिमान है। लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। जिस कारण छावनी परिषद में चुनाव प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पा रही है।
मोहन नेगी ने बताया कि वैरी बोर्ड का कार्यकाल 10 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है, इसीलिए रक्षा मंत्रालय ने एक साल के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया है। बोर्ड की बैठकों में नागरिक समस्याओं को प्राथमिकता से उठाया जाएगा।