रिपोर्ट =अशोक सरकार
स्थान=खटीमा
भारतीय किसान युनियन लिखित रूप में माँगो को तहसील परिसर का किया घेराव।जिसमें बाढ़ से धान, गन्ना, एवं अन्य फसलो का नुकसान हुआ
जिसको लेकर सर्वे की मांग की, तथा 50,000 रू प्रति एकड़ मुआवजे की मॉग रखते हुए बताया। कि 24 से 30 कुन्तल धान प्रति एकड़ निकलता है जो इस आपदा में तबाह हो गया।
जिसका सर्वे अभी तक प्रारम्भ नही हुआ है, किसानो की फसला का सर्वे करा के तत्काल मुआवजा राषि प्रदान करें।
जिससे कि किसानो को विगत कई वर्षों से फसल में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
जिस कारण बैंक ऋण समय से अदा ना कर पाने के कारण बैंक द्वारा ऋण वसुली की कार्यवाही के लिये दबाब बनाया जा रहा है, तथा उनकी भूमि कुर्क करने सम्बन्धी कार्यवाही तहसील प्रशासन के द्वारा की जा रही है
जिसको तत्काल रोका जाए और ऋण अदा करने के लिये समय प्रदान किया जाए।उनका कहना यह कि किसानो पर बैंक ऋण / सोसायटी ऋण के ब्याज मे छुट प्रदान की जाये।वहीं उप जिलाधिकारी से निवेदन किया
कि इस सम्बन्ध मे कार्यवाही अमल में लाई जाए। अन्यथा हम लोग आन्दोलन करने को बाध्य होगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन- प्रशासन की होगी।