8 किलोमीटर पैदल चल राशन ढोने को मजबूर सील गांव के ग्रामीण मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद नहीं बन सकी सड़क ग्रामीणों के द्वारा चुनाव बहिष्कार का किया गया है ऐलान

8 किलोमीटर पैदल चल राशन ढोने को मजबूर सील गांव के ग्रामीण मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद नहीं बन सकी सड़क ग्रामीणों के द्वारा चुनाव बहिष्कार का किया गया है ऐलान

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रिपोट -लक्ष्मण बिष्ट

स्थान -लोहाघाट

विडंबना देखें मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद सील गांव के लिए आज तक सड़क नहीं बन पाई जिस कारण ग्रामीणों को वाहन के लिए 8 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है शनिवार को गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह और ग्रामीणों ने बताया ग्रामीणों को कंट्रोल से राशन लाने के लिए 8 किलोमीटर पैदल चलकर चोमैल से राशन को अपने कंधों में ढोकर गांव लाना पड़ता है

जिसमें 70 साल के बुजुर्ग भी शामिल है रोड न होने से ग्रामीण बरसों से कई समस्याओं से जुझ रहे हैं अस्पताल पहुंचाने में कई मरीजों की मौत हो गई है रमेश सिंह ने बताया इस बार सील गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया हुआ है उन्होंने बताया हालांकि डीएम चंपावत ने गांव में आने का कार्यक्रम बनाया था

पर किसी कारण से डीएम नहीं आ पाए उन्होंने कहा अगर प्रशासन उन्हे सड़क निर्माण का भरोसा नहीं देता है तो इस बार गांव के दोनों बूथों में एक भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा अगर प्रशासन ग्रामीणों को सड़क निर्माण का ठोस आश्वासन देता है तो गांव में सत प्रतिशत मतदान किया जाएगा ग्रामीणों ने कहा उन्होंने अब गांव में सड़क बनने की आस छोड़ दी है मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद जब सड़क नहीं बन पा रही है

तो कब बनेगी ग्रामीणों ने कहा उन्होंने सभी विभागों के चक्कर लगा लिया पर सुनने को कोई तैयार नहीं है जिस कारण उन्होंने मजबूर होकर चुनाव बहिष्कार का कठिन निर्णय लेना पड़ा इसके बावजूद भी अगर सड़क नहीं बनेगी तो सभी ग्रामीण सामूहिक रूप से गांव से पलायन कर देंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी उन्होंने कहा सड़क न होने से बुजुर्ग गांव में कैद हो गए हैं बच्चों को 5 से 7 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ रहा है पर उनकी शुध लेने को कोई तैयार नहीं