खटीमा: भारामल बाबा हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा

खटीमा: भारामल बाबा हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा

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रिपोटर-अशोक सरकार

स्थान-खटीमा

खटीमा के सीमांत सुरई वन क्षेत्र में स्थित बाबा भारामल समाधि स्थल मंदिर के महंत हरिगिरि महाराज एवं सेवादार रूप सिंह बिष्ट की बीती 4 जनवरी की मध्य रात्रि को हुई निर्मम हत्या एवं लूट की वारदात का पुलिस ने किया खुलासा। उधम सिंह नगर के पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने सीमांत झनकईया थाने में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उक्त मामले का खुलासा किया। मीडिया को जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटनास्थल गहन जंगल के बीच स्थित होने के कारण उक्त मामले में कोई पुख्ता लीड प्राप्त नहीं हो रही थी। जिसके बाद इस वारदात का खुलासा करने के लिए 15 टीमों का गठन किया गया। गठित टीमों के द्वारा अलग-अलग स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी गई। इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस टीमों द्वारा लगभग 1200 अलग-अलग लोगों से पूछताछ की गई साथ ही आपराधिक पृष्ठभूमि के लगभग 1000 से ज्यादा अपराधियों का भी बयान लिया गया। इस दौरान पुलिस टीम के द्वारा लगभग 1500 सीसी टीवी कैमरों की फुटेज की जांच भी की गई। वही सर्विलांस टीम के द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों पर घटना के समय संदिग्ध गतिविधि देखी गई। जिसकी जांच करते हुए पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत क्षेत्र से तीन अभियुक्त कालीचरण, रामपाल एवं पवन को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे एवं निशानदेही से मृतक बाबा हरी गिरी महाराज से लूटे गए नकद रुपए, इंटरनेट डोंगल, बाबा हरी गिरी का बैग, शॉल, आधार कार्ड, पहचान पत्र, घटना में प्रयुक्त दराती, एक टॉर्च आदि सामान बरामद किया गया। गिरफ्तार किए गए अपराधियों ने पूछताछ में बताया कि अभियुक्त कालीचरण पूर्व में लगभग 5 वर्षों तक भारामल सिद्ध पीठ में सेवादार के रूप में रह चुका है। और वहां के सभी रास्तों से अच्छी तरह परिचित हैं। अभियुक्त के अनुसार बीती 25, 26, एवं 27 दिसंबर को हुए 3 दिन के भंडारे में अभियुक्त कालीचरण अपने सगे भाई रामपाल के साथ आया था जहां भंडारे के आखिरी दिन दोनों भाइयों द्वारा शराब का सेवन करने पर महंत हरीगिरी महाराज के द्वारा दोनों भाइयों को डांटकर भगा दिया गया। वही इस रंजिश के साथ-साथ भंडारे में चढ़ने वालीं रकम को देखकर भी दोनों के मन में लालच पैदा हो चुका था। जिसके चलते इन्होंने अपने तीसरे साथी पवन जो कि पीलीभीत श्मशान घाट में औघड़ बाबा के रूप में रहता था एवं पूर्व हिस्ट्रीशीटर है को अपने साथ शामिल कर इस घटना को अंजाम दिया।

इस घटना को अंजाम देने के लिए अपराधी पीलीभीत से मैजिक वाहन के द्वारा खटीमा पहुंचे जहां से पहले टुकटुक एवं बाद में पैदल यात्रा करके भारामल मंदिर पहुंचकर पास में ही छुप गए। रात्रि 11:00 बजे अनुकूल समय देखकर अपराधियों ने इस लूट एवं दोहरी हत्या की वारदात को अंजाम दिया। मंदिर की दान पेटियों एवं अन्य सामान की लूटपाट करने के उपरांत अपराधी सूखापुल के पास जंगल में छुप गए और सुबह होने पर छुपते छुपाते वापस पीलीभीत लौट गए। ज्ञात होगी इस हत्याकांड से क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। वहीं पुलिस पर भी जल्द से जल्द मामले का खुलासा किए जाने का दबाव था। ऐसे में पुलिस की सर्वेलेंस टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मृतक बाबा हरी गिरी महाराज के चोरी हुए डोंगल को ट्रेस करते हुए अपराधियों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त करी। गिरफ्तार किए गए अपराधीयो के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी गई है।