सीमांत की खेती में आधुनिक मशीन का होगा प्रयोग

सीमांत की खेती में आधुनिक मशीन का होगा प्रयोग

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रिपोर्टर – संजय कुंवर

स्थान – जोशीमठ

सीमांत प्रखंड जोशीमठ के प्रगति शील काश्तकार अब अपने खेतों की जुताई के लिए आधुनिक टेक्नोलोजी का भी प्रयोग करने लगे है, जिसका पहला उदाहरण पावर वीडर पोर्टेबल ट्रैक्टर मशीन है जो अब धीरे धीरे बदल रहा पहाड़ो में खेती की तकदीर, जी हां श्रमिक संसाधन सहित बैलों का विकल्प बनी ये पोर्टेबल मशीन,जो अब जोशीमठ छेत्र के सुनील,मनौटी,परसारी,मेरग, बड़ागांव, तपोवन, सहित अन्य गावों के जागरूक कृषकों ने इस पावर बीडर यंत्र को अपना कर खेती बाड़ी का अभिन्न अंग बना दिया है, कृषि विभाग जोशीमठ के सौजन्य से मिल रहे इस उपयोगी कृषि यंत्र को किसान खूब पसंद कर रहे है,

जोशीमठ के सुनील गांव में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी स्वावलंबी महिला किसानो को कृषि विभाग जोशीमठ द्वारा 80% राज सहायता पर ये पावर वीडर बांटे गए है,इस उपयोगी पावर बीडर यंत्र के मिलने पर खुशी जताते हुए सुनील गांव की SHG समूह की लाभार्थी महिला किसान अनीता देवी ने कहा कि अपने छोटी जोत वाले हमारे पहाड़ी इलाकों में खेत जोतने में पावर वीडर काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।खास कर हम महिलाओ के लिए हम आसानी से इससे इससे छोटे खेतों में जुताई कर सकते है, अनीता देवी ने पीएम मोदी का भी धन्यवाद दिया कहा कि आज केंद्र सरकार की ही समाम योजना जैसी किसान हित की योजना के बलबूते से आज पहाड़ों में 80% की छूट पर पहाड़ी कास्तकारों को महज 13हजार की लागत पर ये पावर बीडर जैसा उपयोगी कृषि यंत्र मिल पाया है,वहीं बैलों की जोड़ी न मिलने से पहाड़ों में खेती छोडऩे वाले कृषकों के लिए ये मशीन अब बैल का विकल्प बनती जा रही है, वहीं कृषि अधिकारी जोशीमठ रघुवीर सिंह कमदी बताते हैं कि पहाड़ो में श्रम संसाधनों की कमी भी अब खेती में आड़े नहीं आने वाली है। ये आधूनिक यंत्र करीब साढ़े पांच हॉर्स पावर और तकरीबन 70-80 किलो वजनी है जो पावर वीडर मशीन हमारे पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष कर कृषि के मशीनीकरण में अब बड़ा परिवर्तन ला रही है.

किसानों को करीब 80 फीसद सब्सिडी बैंक के तहत समूह गठित करने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी में ये यंत्र विभाग की ओर से दिया जा रहा है, छोटे उपकरणों को ज्यादा उपयोग कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिए जाने से खेती में छोटे उपकरण ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं। क्योंकि इन्हें संचालित करने के लिए किसी श्रमिक की आवश्यकता नहीं है, किसान स्वयं ही इन यंत्रों को संचालित कर सकते हैं। ग्रास कटिंग मशीन से लेकर कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए सक्षम है ये मशीन । पावर वीडर जैसी मशीनों में भी डीजल व पेट्रोल दोनों तरह के विकल्प मौजूद है