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ब्यूरो रिपोर्ट
स्थान – हल्द्वानी
न्यायालय के आदेश के बाद, नगर निगम द्वारा, निराश्रित गौवंशों को मार्गो से हटाकर, गौशाला, निजी संस्थानों एवं आश्रमो में भेजा जा रहा है, यह सराहनीय कार्य है, निराक्षित गऊ वंश सड़को पर आये दिन दुर्घटना का शिकार होते हे l कभी कभार तो मनुष्य की क्रूरता का शिकार भी होते हे, दुर्घटनाओ से मानव एवं इन गऊ वंशो को भी अपनी जान गवानी पडती हे l इस बचाव से इन्हे गऊ शाला भेजना उचित कार्य हे l
गऊ सेवक जोगेन्द्र राणा जोगी का कहना हे की, कितने गऊ वंश एक बार में एम्बुलेंस में लेकर जाने हे वो संख्या भी निगम द्वारा तय किया जाये l जिससे एम्बुलेंस के भीतर गऊ वंशो को परेशानियों का सामना ना करना पड़े l तथा पहले इन बेसहारा गऊ वंसो की, उचित रख रखाव, नियमित खाने एवं उपचार की उचित व्यवस्था की जाये, उसके बाद ही इनको कही भी सिफ्ट किया जाये, व अभी जहाँ जहाँ भी गऊ वंश सिफ्ट किये गए हे, उन स्थानों का समय समय पर मॉनिटरिंग किया जाये, जिससे उनको सही देखरेख, नियमित खानापान एवं उपचार मिल सके l
गऊ सेवकों को इन जगह पर जाकर पता चला कि, अभी तक अभियान के माध्यम से बाजपुर गौशाला में लगभग 60 से 65 गऊ वंश भेजे गए हे, पूछताछ करने पर पता चला की, अब उनके द्वारा भी,जगह ना होने तथा सही देख रेख ना होने के कारण, निगम को 1 महीने पूर्व ही गऊ वंश भेजनें को मना कर दिया गया हे, लगभग 70 से 75 गऊ वंश हल्दुचोड़ गऊ शाला भेजे गए हे, वहाँ गऊ वंसो की सही देख रेख हो रही हे, परन्तु उनके द्वारा भी अब मात्र 100 गऊ वंश रखने की समता बताई गयी हे। इसी बीच लगभग 46 गऊ वंश, बेल पड़ाव किसी आश्रम में भेजे गए हे, जिसमे निगम के द्वारा बड़े बैलो का 5000 रुपए, एक बैल के हिसाब से आश्रम को शुल्क दिया गया।
साथ में छोटे गऊ वंश निशुल्क भेजे गए हे, अब ऐसे आश्रमो में गऊ वंसो को भेजते समय एक बार शुल्क दिया गया हे, परन्तु उसके बाद की नियमित चारे तथा उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गयी हे, गऊ सेवकों ने ज़ब इन स्थानो में जाकर देखा तो, बेल पड़ाव आश्रम में गऊ वंशो को खाने के लिए भोजन की नियमित व्यवस्था नहीं हे, और ना ही प्रयाप्त सेवक, इसिलए गऊ वंश को भोजन हेतु जंगल में छोड़ा जाता हे, उसके बाद जो गऊ वंश स्वयं से आ गए तो ठीक, नहीं तो जंगली जानवरो का निवाला बन रहें हे, जंगल में बहुत से गऊ वंश हमें मृत अवस्था में भी पड़े हे, जो की अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण हे, गऊ सेवक जोगेन्द्र राणा जोगी ने कहाँ की न्यायालय का आदेश था की,इन बेसहारा गऊ वंशो को सुरक्षित स्थान दिया जाये, जहाँ इनकी सुरक्षा हो सके एवं नियमित खानपान तथा उपचार मिल सके l