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रिपोर्ट -दीपक नौटियाल
स्थान – उत्तरकाशी
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा है कि भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए उत्तराखण्ड में उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं। राज्य में पशुपालन जैसे पारंपरिक व्यवसायों को नए व लाभकारी तौर-तरीकों के साथ अपनाए जाने के लिए सरकार ने अनेकों महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। राज्य सरकार ने राज्य में निवेश बढाने के लिए कारगर कदम उठाने के साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसरों के सृजन पर विशेष ध्यान दिया है।राज्य के पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा आज से जिले के तीन दिवसीय भ्रमण पर हैं।
भ्रमण की शुरूआत में बहुगुणा के रविवार को डामटा पहुंचने पर विभागीय अधिकारियों, जन-प्रतिनिधियों और स्थानीय जनता ने जोरदार स्वागत किया।डामटा में बहुगुणा ने स्थानीय निवासियों व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात‘ कार्यक्रम का प्रसारण देखा। इस मौके पर बहुगुणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मन की बात कार्यक्रम सहित में सभी अवसरों पर भारत को आत्म निर्भर बनाने एवं वोकल फॉर लोकल पर जोर देते रहे हैं। राष्ट्र की प्रगति व देशवासियों की खुशहाली के लिए प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढाने के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं।
रोजगार के नए अवसरों के सृजन एवं पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कारगर योजनाएं शुरू की हैं। राज्य में निवेश को बढाने की सरकार की कोशिशें रंग ला रही है। देश-विदेश से बड़े पैमाने पर निवेशकों एवं उद्योगपतियों के द्वारा राज्य में पॅूंजी निवेश की इच्छा व्यक्त की गई है। आगामी 8 व 9 दिसंबर को राज्य में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया जा रहा है। अभी तक लगभग 55 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों के लिए जमीनों का आवंटन किया जा चुका है।
कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने उत्तरकाशी को अपना पारिवारिक क्षेत्र बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र के विकास को लेकर वह हरसंभव कदम उठाएंगे। उन्होंने का कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने व दुर्गम क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिए प्राथमिकता से काम कर रही है।
पशुपालन के परंपरागत व्यवसाय को लाभकारी बनाने और इसके जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। युवा पीढी को पशुपालन, मत्स्य पान एवं डेयरी व्यवसाय से जोड़ने को चुनौती के तौर पर लेकर गोट वैली जैसी अभिनव योजनाएं संचालित की गई हैं। जिसके तहत मात्र तीस हजार रू. के त्रृण में 16 बकरियां उपलब्ध कराने तथा इनसे उत्पादित दूध व मांस की सरकार के स्तर से खरीद की व्यवस्था की गई है। मत्स्य पालन के लिए बिजली बिल की दर व्यावसायिक के बजाय कृषि क्षेत्र की दरों पर के बराबर करने के मत्स्य पालकों को लाभ मिला है। दुग्ध उत्पादकों को लाभ देने के लिए आंचल के माध्यम से खरीदे जाने वाले दूध के लिए प्रति लीटर 8 से 12 रूपये तक कीमत बढाई गई है। गाय-गंगा योजना में दुधारू पशुओं की खरीद के लिए एससी, एसटी एवं महिलाओं को देय सब्सीडी अब 33 प्रतिशत से बढाकर 75 प्रतिशत एवं सामान्य श्रेणी के लिए सब्सीडी को 25 प्रतिशत से बढाकर 50 प्रतिशत किया गया है। इससे आम लोगों को काफी लाभ मिला है।