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रिपोटर -:लक्ष्मण बिष्ट
स्थान -चंपावत
चंपावत जनपद के देवीधुरा में स्थित सुप्रसिद्ध माता बाराही धाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन के अवसर पर पौराणिक पाषाण युद्ध (बग्वाल) का आयोजन किया गया इस अवसर पर स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कौशियारी के साथ मां बाराही धाम पहुंचकर माता की पूजा कर बग्वाल युद्ध देखा और युद्ध खेलने वाले रणबाकुरो का हौसला बढ़ाया।इस वर्ष कुल 7 मिनट तक चले बग्वाल युद्ध में लगभग 150 रणबाकुरे घायल हुए। चार गंभीर घायलों को जिला चिकित्सालय चंपावत रेफर किया चंपावत जनपद के सुप्रसिद्ध मां बाराही धाम मैं रक्षाबंधन के पर्व पर होने वाले बग्वाल का साक्षी बनने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी विधानसभा चंपावत के देवीधुरा पहुंचे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन के दिन मां बाराही धाम मैं पौराणिक पाषाण युद्ध (बग्वाल) का आयोजन किया गया पौराणिक लोक कथाओं के अनुसार पहले इस क्षेत्र में मानव बलि की प्रथा थी जिसे कालांतर में बदलकर पत्थरों से खेली जाने वाली बगवाल मैं बदल दिया गया
जिसे अब पाषाण युद्ध बग्वाल कह कर पुकारा जाता है यह युद्ध स्थानीय निवासी चार खामो क्रमश चम्याल, गहरवाल, बालिक और लंमगड़ियां खाम के बीच में खेला जाता है उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब यह युद्ध फल फूलों जैसे नाशपाती अमरूद आदि से खेला जाता है। परंतु यह भी कडवा सच है की खेल के उत्साह में खेल खेलने वाले चारों खेमो के योद्धाओं के द्वारा पत्थरों का उपयोग भी हो जाता है जिसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि इस भर के वर्ष 7 मिनट चले बग्वाल युद्ध में लगभग 150 रणबाकुर घायल हुए हैं जिनका इलाज मौके पर ही किया जा रहा है चार गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है इस वर्ष बग्वाल का आयोजन दोपहर के 2:14 से शुरू किया गया
और जो 2:21 तक चला। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं जाकर घायल रणबाकुरो का हाल जाना। मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि हम प्रदेश के सभी मंदिरों को मानस खंड मंदिर माला मिशन के तहत विकसित करने का कार्य कर रहे हैं जल्द ही आप देखेंगे कि चार धाम यात्रा की तरह मानस खंड यात्रा हुआ करेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा कई विकास कार्यों की घोषणा करी गई