भूस्खलन होने से नहीं सुधरे गांव में पीडितो के हालत

भूस्खलन होने से नहीं सुधरे गांव में पीडितो के हालत

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सबसे पहले खबरें जानने के लिए हमारे न्यूज़ ही चैनल. News Portal uk सब्सक्राइब जरूर करें ख़बरों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9634912113,- 8057536955 न्यूज़ पोर्टल, उत्तराखंड के यूट्यूब चैनल में सभी विधान सभा स्तर पर संवाददाता\विज्ञापन संवाददाता, ब्यूरो चीफ की आवश्यकता हैं

रिपोर्टर-संजय कुंवर

स्थान-जोशीमठ

जोशीमठ प्रखंड के पगनों गांव में भूस्खलन और ऊपरी छेत्र से गांव में जगह जगह से बह रहे बरसाती नालों के खौफ से अब कई परिवारों को अपना घर आंगन छोड़ना पड़ गया है। आप देख सकते है करीब एक माह से यहां के ग्रामीण दिन रात बस अपने परिवार और पशु धनों को बचाने की फ़िक्र में जद्दोजहद में लगे है, आप इन तस्वीरों को देख कर अंदाजा लगा सकते है लोगों के चेहरे पर लाचारी,बेबसी,दर्द,और गुस्सा झलक रहा है और होगा भी क्यू नहीं। अपनी आंखो के सामने अपने पुरखों की बसाई पुश्तैनी सम्पत्ति,विरासत गांव को यू तबाह होते देख ग्रामीणों की आंखे छलक जा रही है,

ऐसे में पगनो गांव के लोगों ने समय रहते जिलाधिकारी चमोली ओर शाशन प्रशाशन से पगनों गांव की सुध लेने की गुहार लगाई है,आलम ये है कि पगनो गांव के कुछ परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है, जबकि अन्य परिवार गांव में ही सुरक्षित जगह पर गोशाला और खेतों में तम्बू लगाकर किसी तरह गुजर बसर कर हैं।दरअसल जोशीमठ तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसा पगनों गांव में 120 परिवार निवास करते हैैं। लेकिन गांव के लिए नासूर बन गया है गांव के ठीक पीछे स्थित पहाड़ी के ऊपरी भाग में एक प्राकृतिक झील जो वर्ष 2021 में भारी बारिश के दौरान झील क्षतिग्रस्त हो गई और जिससे पानी का रिसाव होने लगा।

इसी प्वाइंट से बरसात में पगनो गांव में कमेडा पानी वाला मलबा आना शुरू हुआ है।अबतक गांव में मुरलीधर, पुष्पा देवी, जय प्रसाद, कैलाश सुंदरियाल, प्रदीप सिंह, दिलवर सिंह, दुर्गा देवी, कुंदन सिंह और भोपाल लाल ने अपने घर छोड़ दिए हैं। वहीं कैलाश सुंदरियाल और दुर्गा देवी के परिवार ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है, जबकि शेष ग्रामीण परिवार गांव के ही समीप गोशाला और खेतों में टेंट लगाकर रह रहे हैं। वहीं गांव का शिव मंदिर भी अब पूरी तरह भूस्खलन से तबाह हो गया है।प्रभावित ग्रामीण अब प्रशासन से राहत् ओर सुरक्षित ठोर ठिकाने के लिए गुहार लगा रहे है,