बोल्डर गिरने से अफरा तफरी,

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रिपोर्टर-संजय कुंवर

स्थान-गुनियाला,पीपलकोटी/चमोली

दशोली प्रखंड के पीपलकोटी के गुनियाला गांव में ऊपर पहाड़ी से अचानक भूस्खलन होने के साथ बड़ा बोल्डर गिरने से गांव में अफरातफरी मच गई। गनीमत रही कि लोग उस समय खाना खाकर आराम कर रहे थे, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।दशोली ब्लाक के ग्राम पंचायत बेमरू के गुनियाला गांव के ऊपर से कुछ वर्षों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिससे मानसून सीजन आते ही लोगों की रातों की नींद उड़ जाती है और लोग रात्रि जागरण कर रात गुजारते हैं। पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से वहां दो – तीन बड़े बोल्डर खिसक रहे हैं।लोगों को हमेशा ही पहाड़ी के नीचे से गुजरने में भय बना रहता था कि कभी भी बोल्डर नीचे आ सकतें हैं और बड़ी अनहोनी हो सकती है।

पूर्व में भूस्खलन के बाद प्रशासन ने गांव का निरीक्षण कर लोगों को विस्थापन का आश्वासन तो दिया लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों की आवाज गांव तक ही तब कर रह गई।मानसून सीजन में लगातार हो रही भारी बारिश व भूस्खलन से गुनियाला गांव के ग्रामीण सहमे हुए थे कि कभी भी पहाड़ी से बड़ा बोल्डर गिर गया तो गांव को बड़ा नुक़सान हो सकता है।जिसने गांव के 15 परिवारों की रातों की नींद उड़ा रखी थी।बुधवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे ग्रामीण खाना खा कर आराम कर रहे थे कि अचानक पहाड़ी से जोर की आवाज आई तो लोग घरों से बाहर भागे, तब तक 200 मीटर ऊपर पहाड़ी से बड़ा बोल्डर गांव के घरों के पीछे खेत में आकर रूक गया।

कुछ समय के लिए गांव में अफरातफरी मच गई। भगवान का शुक्र है कि बोल्डर उस वक्त आया जब ग्रामीण खाना खा कर आराम कर रहे थे। नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। भूस्खलन व बोल्डर आने से गांव की पेयजल लाइन, सिंचाई नहर और दर्जनों नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। ग्रामीण महेंद्र सिंह नेगी, इन्द्र सिंह नेगी, भरत सिंह रावत, मोहन सिंह नेगी ने बताया कि दोपहर में अचानक पहाड़ी से बोल्डर गिरने से गांव में अफरातफरी का माहौल बन गया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से गांव में भारी नुक़सान हुआ है, वहीं गांव को भी भविष्य के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि अभी पहाड़ी पर एक – दो बोल्डर और रास्ते लगे हुए हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी लगभग चार बजे भूस्खलन रास्तों से होते हुए गुनियाला गांव पहुंचे, जहां उन्होंने मौके का मुआयना कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने को कहा गया।और गांव में जल्द ही बिजली, पानी की व्यवस्था सुचारू करने का भरोसा दिया। वहीं खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने शासन – प्रशासन से विस्थापन की मांग की है।