कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध मे शहीद की वीरांगना का छलका दर्द

कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध मे शहीद की वीरांगना का छलका दर्द

रिपोर्टर :- मुन्ना अंसारी,

स्थान -:- लालकुआँ

कारगिल विजय दिवस की 25 वीं वर्षगांठ पर पूर्व सैनिक संगठन ने शहीद स्मारक पर एकत्र होकर भारत के वीर शहीदों को याद करते हुए कारगिल की शौर्य गाथा सुनाते हुए

कारगिल में 1999 में भारत और पाकिस्तान सेनाओं के बीच 60 दिनों तक चले युद्ध मे 26 जुलाई को विजय हासिल की थी वही वीर जवानों के अदम्य साहस को सबके समक्ष रखा।

इस दौरान कारगिल युद्ध में शहीद गोविंद सिंह पपोला की वीरांगना पत्नी प्रेमा पपोला ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शहीदों के परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं से महरूम रखने का आरोप लगाते हुए शहीदों की उपेक्षा का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहूति देने वाले मेरे पति गोविंद सिंह पपोला के नाम पर बिन्दुखत्ता में कोई भी स्मारक नही बनाया गया है उनके नाम पर एक रोड बनाई गई जो कि खस्ताहाल हालत में उनके नाम का बोर्ड भी अपने निजी खर्चे से लगाया गया है जो कि पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है

साथ ही उनके नाम पर 25 वर्षों बाद भी शहीद द्वार स्थापित नही किया गया है शहीदों के नाम पर राजनीति के अलावा सरकार धरातल पर कोई भी कार्य नही कर रही है।

वही कारगिल युद्ध लड़ने वाले वीर सपूत नायाब सूबेदार नन्दन सिंह गड़िया ने कारगिल युद्ध के दौरान दुर्लभ पहाड़ियों पर शौर्य गाथा को याद करते हुए सैनिकों की वीरता को सबके समक्ष रखा।