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रिपोट – ब्यूरो रिपोट
चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस साल माता घोड़े पर सवार होकर भक्तों के बीच आएंगी। चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन घरों और मंदिरों में देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इसी दिन हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है, इसलिए इस वासंतिक नवरात्रि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। शास्त्र के अनुसार कलश की स्थापना केवल शुभ समय में ही की जाती है अन्यथा शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की तारीख को लेकर लोग असमंजस में हैं। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर कब होगी
घटस्थापना, शुभ समय और सही तारीख।चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 बजे से प्रारंभ होकर 9 अप्रैल 2024 को रात्रि 08:30 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होगी।चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से 17 अप्रैल 2024 तक चलेगी। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ 9 दिनों का व्रत शुरू होता है। अखंड ज्योति प्रज्वलित है। इस दिन नव संवत्सर 2081, महाराष्ट्र में गुड़ी पर्व और आंध्र प्रदेश-कर्नाटक में उगादि मनाया जाएगा।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के दौरान घटस्थापना के लिए सबसे शुभ समय दिन का पहला तृतीया होता है, जिसमें प्रतिपदा तिथि मान्य होती है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करना भी शुभ होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं।
घटस्थापना मुहूर्त – प्रातः 06.02 – प्रातः 10.16, (अवधि – 4 घंटे 14 मिनट)
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.57 बजे – दोपहर 12.48 बजे, (51 मिनट)
नवरात्रि के दौरान घटस्थापना क्यों की जाती है?
घटस्थापना नवरात्रि के दौरान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह त्योहार के नौ दिनों की शुरुआत का प्रतीक है, जो पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को होता है। घटशापना देवी शक्ति का आह्वान है। गलत समय पर ऐसा करने से देवी शक्ति का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। घटस्थापना का अर्थ है नवरात्रि के दौरान घट या कलश का आह्वान करके ब्रह्मांड में मौजूद ऊर्जाओं को सक्रिय करना। ऊर्जा तत्व के कारण वास्तु में मौजूद कष्टकारी तरंगें नष्ट हो जाती हैं।