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रिपोर्ट,,संजय कुंवर,
स्थान -जोशीमठ
एक और जहां देश की राजधानी दिल्ली सहित कई बड़े महा नगरों का वातावरण हवा में घुलते प्रदूषण के कारण बढ़ते AQI एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की गुणवत्ता खराब होने के चलते प्रदूषित हो गए है वहीं उत्तराखंड के पहाड़ों में अभी भी प्रदूषण मुक्त शुद्ध आबो हवा और सुंदर प्राकृतिक नजारे पर्यटकों का आकर्षित कर रही है,यहां के वातावरण में अभी जहरीली गैसों का प्रभाव मॉडरेट लेबल पर है, लिहाज़ा यहां के पहाड़ों में ओक कोनीफर,बुरांस,बांज,थुनेर, से ढके जंगलों और खुबसूरत मखमली बुग्यालों के बीच शुद्ध ऑक्सीजन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है,
इसलिए अभी सीमांत के इन खुबसूरत मखमली बुग्यालों और पर्यटक स्थलों का AQI एयर क्वालिटी इंडेक्स यानि हवा की गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है,देश में उत्तराखंड का AQI एयर क्वालिटी इंडेक्स सूचीकांक 133 पार कर गया है, देश में सबसे शुद्ध हवा की गुणवत्ता नॉर्थ ईस्ट छेत्र के मिजोरम आइजोल,नागालैंड राज्य में है वहीं विंटर डेस्टिनेशन और धार्मिक पर्यटन तीर्थाटन केंद्र जोशीमठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 60 से 75 AQI के मध्य है जोकि मध्यम श्रेणी में आता है,जबकि यहां की आबो हवा और प्राकृतिक सुंदरता का लुफ्त उठाने पर्यटकों का हुजूम उमड़ा रहता है,अगर पहाड़ो में भी नई दिल्ली की तरह वायु की गुणवत्ता खराब होने लगे तो पर्यटक यहां आने से परहेज करने लगेंगे फिल्हाल पहाड मे चिंता जनक स्थिति नही है लेकिन जिस तरह से सीमांत के एकोलोजिकल सिस्टम में परिवर्तन नजर आ रहे है,
मौसम चक्र,असीमित जलवायु परिवर्तन सहित,ऋतु परिवर्तन, कम बर्फबारी,स्नो लाईन ट्री लाइन का पीछे खिसकना, प्राकृतिक जल संसाधन धाराओं का सूखना कही न कहीं जलवायु परिवर्तन के साथ साथ पहाड़ों में हवा की गुणवत्ता पर भी असर दर्शाता है,जो आने वाले समय के लिए चिंता का विषय बन सकता है,,,AQI सूचकांक भारत में 17सितम्बर 2014में केंद्र सरकार के प्रकाश जावेडकर ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत नई दिल्ली में शुरू किया था,AQI का अर्थ होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स यह सरकारी एजेंसियों के द्वारा बनाया एक मापक है जिससे हवा की गुणवत्ता मापी जाती है, एक्यूआई के द्वारा मालूम चलता कि वर्तमान में हवा कितनी खराब है, और एसके आगे कितनी और बिगड़ने की आशंका है,
0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, माना जाता है यानी की आप बेहतर हवा में सांस ले रहे है,51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है प्रदूषण को वायु गुणवत्ता सूचकांक, या AQI के साथ मापा जाता है। AQI एक थर्मामीटर की तरह काम करता है जो 0 से 500 डिग्री तक चलता है।वायु की गुणवत्ता की माप के लिए विश्व के विभिन्न देशों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाये गये हैं. ये इंडेक्स देश में वायु की गुणवत्ता को मापते हैं
और बताते हैं कि वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड ग्राउंड लेवल ओजोन,अमोनिया, और लेड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं. अभी देश में सबसे स्वच्छ हवा वाले शहरों में नॉर्थ ईस्ट में मिजोरम के आइजोल शहर की आबो हवा सबसे स्वच्छ बताई गई है, तमिलनाडु के रामेश्वरम और कर्नाटका के गुलबर्गा 19AQI के साथ देश के सबसे कम प्रदूषित शहरों में है, उसके बाद 21AQI के साथ कुलगाम,सोपुर, और हंदवाड़ा शहर है, दिल्ली का AQI जहां 400पार है जोकि संवेदनशील है,