संस्कृत के छात्रों के साथ सरकार का बड़ा खिलवाड़

संस्कृत के छात्रों के साथ सरकार का बड़ा खिलवाड़

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रिपोर्टर – संजय कुंवर

स्थान – जोशीमठ

सूबे के संस्कृत महा विद्यालय और संस्कृत विद्यालयों के लिए उत्तराखंड शासन के एक ताजा तरीन आदेश ने राज्य के सभी संस्कृत महाविद्यालय/विद्यालय में अध्यन कर रहे छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार की ओर धकेल दिया है,ऐसा संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्र छात्राओं का आरोप है, निदेशक राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और वरिष्ट बीजेपी नेता वीरेंद्र जुयाल के जोशीमठ भ्रमण के दौरान संस्कृत महा विद्यालय के छात्रों के प्रतिनिधि मण्डल ने अध्यक्ष छात्र संघ प्रदीप मिश्रा के नृतत्व में उन्हें ज्ञापन सौंपा और अपनी 4सूत्रीय मांगो को सूबे के मुखिया सीएम धामी के समक्ष रखने की अपील भी वरिष्ट बीजेपी नेता वीरेंद्र जुयाल से की.

ज्ञापन में संस्कृत महाविद्यालयों में पठन पाठन व्यवस्था दुरस्त व शिक्षकों की जल्द नियुक्ति सहित प्रदेश सरकार के 16/23 अक्टूबर 2023 के शासनादेश के तहत लिया गया निर्णय की सभी संस्कृत महाविद्यालय में अब उत्तर मध्यमा तक वित्त स्वीकृति कर दिया गया है, और सभी शिक्षकों को उत्तर मध्यमा स्तर का बताया गया है, ऐसे में सवाल ये उठ रहा कि अब शिक्षको को पढ़ाएगा कोन,

छात्रों का कहना हैं कि हम लोग विश्व विद्यालयों में पढ़ाई के लिए नही जा सकते हे क्युकी हमारी आर्थिकी कमजोर है लिहाज़ा हमारा संस्कृत महा विद्यालय यही और प्रत्येक जिले में ही होना चाहिए और इन महा विद्यालय में तत्काल नियुक्तियां की जानी चाहिए, छात्रों का कहना है की जल्द इन समस्याओं का समाधान नही होगा तो पूरे प्रदेश में संस्कृत महाविद्यालय के छात्र धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे.