रिपोर्ट -दीपक नौटियाल
स्थान -उत्तरकाशी
जनपद उत्तरकाशी से महज 9किलोमीटर दूरी पर बसा हीना गांव जहां की आवादी लगभग 1500के करीब है पर जनपद मुख्यालय से नजदीक होने के वावजूद आजादी से आज तक इस गांव में सड़क नहीं पहुंचपाई थी जिसके कारण यहां के लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था गांव में जब कोई विमार होता था तो उसे डंडी कंन्डियो के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया जाता था साथ ही बच्चों को स्कूल भेजना भी बड़ी समस्या थी
आपको बतादें कि मनेरी भाली परियोजना पेज वन के लिए यहां के ग्रामीणों ने अपनी भूमी दान दी थी सरकार ने उस समय इन्हें बड़े सपने दिखाए थे पर सब सफेद हांथी सावित हुए पर आज इस गांव की सड़क को मेरे गांव मेरी सड़क योजना से स्वीकृत मिलने के बाद यहां के निवासियों ने अपनी भूमी के साथ खुद श्रमदान कर इस सड़क को बनाने का जिम्मा लिया है
एक हिसाव से देखा जाए तो हमारा देश 15अगस्त को आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है पर इन लोगों को सड़क की सौगात मिलने पर लग रहा है कि इन्हें असली असली आज़ादी आज मिली है