मिनिस्ट्री ऑफ साइंस के तत्वाधान मे प्राणमति बेसिन मे वैज्ञानिक कर रहे अनेकों तथ्यों पर रिसर्च,

मिनिस्ट्री ऑफ साइंस के तत्वाधान मे प्राणमति बेसिन मे वैज्ञानिक कर रहे अनेकों तथ्यों पर रिसर्च,

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रिपोटर- मोहन गिरी

स्थान -थराली

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के तत्वाधान मे विज्ञान की अलग अलग शाखाओ के वैज्ञानिक और शोध विशेषज्ञ थराली तहसील के प्राणमती बेसिन मे विभिन्न विषयो पर शोध कार्य कर रहे हैं जिसके भविष्य मे दूरगामी परिणाम आने के आसार हैँ यहाँ वैज्ञानिक प्राणमती बेसिन् के साथ ही हिमालयन क्रिटिकल जोन ऑब्जेर्वेटिव पर रिसर्च कर मृदा अपरदन ,भू धसाव ,जैव विविधता ,बारिश और इसकी घटती बढ़ती मात्रा से नदियों के जलस्तर पर पड़ने वाले प्रभाव ,बादल फटना जैसी घटनाओ के कारणों और रोकथाम पर रिसर्च कर शोध मे जुटे हैँ

दिल्ली यूनिवर्सिटी मे जियोलॉजी के प्रोफेसर विमल सिंह के नेतृत्व मे कॉलेज ऑफ फारेस्ट्री के वैज्ञानिक डॉक्टर आयुष जोशी दिल्ली यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉक्टर अरकाप्रभा सरकार की देखरेख मे 2021 से थराली के रतगाँव और डूंगरी मे मृदा अपरद्न् के कारण पोषक तत्वों के हरास, प्राकृतिक स्रोतो मे के डेटा कल्लेक्शन के साथ ही स्वच्छंद बहने वाली नदियों और गधेरों मे जीवो के डीएनए सैम्पल कलेक्क्ट कर इनका अध्ययन करने के साथ ही हिमालयी गलेशियरों पर ब्लैक कार्बन के प्रभाव के अध्ययन कर रहे हैँ इस अध्ययन के आधार और रिसर्च के बाद भूसखलन ,मृदा अपरदन ,जैव विविधता और हिमालयी क्षेत्रो मे गलेशियरों पर ब्लैक कार्बन के प्रभाव को कम करने के प्रयास किये

जाने के आसार हैँवहीं वैज्ञानिको की टीम रीवर डिस्चार्ज रडार के माध्यम से नदियों के जलस्तर क मापन,एयर सैम्प्लर की मदद से वायु मे घुली कार्बन और विभिन्न तत्वों के अध्ययन करने के साथ ही वाटर सैम्पल की मदद से नदियों और जलधाराओं मे डीएनए के अध्ययन से जैव विविधता के अध्ययन करने मे जुटे हैँवैज्ञानिक टीम ने प्राणमती बेसिन् मे लगाए गये इन उपकरणों की मदद से भविष्य की बेहतर खोज कि संभावनाये जताई हैँ