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रिपोट- पंकज सक्सेना
स्थान – हल्द्वानी
नैनीताल डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक के परिसर में स्नेक्स नाम से चल रही कैंटीन का जिन एक बार फिर सूचना के अधिकार के तहत बाहर आ गया है प्रदीप सिंह बर्गली निवासी सैलाभाबर गोलापार की ओर से मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत यह खुलासा हो गया है कि यह कैंटीन कर्मचारियों के लिए थी लेकिन बैंक बैंक प्रबंधक समिति की ओर से कैंटीन संचालक बसंत बल्लभ मिश्रा को लाभ पहुंचाने के लिए इस इसका मुख्य द्वार सड़क की ओर कर दिया गया ताकि इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके ।बैक डोर से बैंक प्रबंधन इस व्यावसायिक लाभ को भी लेता रहे। बैंक प्रबंधन में बैंक परिसर के अंदर बने मंदिर को भी एक मोहरे की तरह इस्तेमाल कर इसके संचालन के लिए कैंटीन संचालक से प्रतिमा वर्तमान में ₹8000 लिया जा रहा है यह धनराशि मंदिर समिति के खाते में संचालक द्वारा हर महीने डाली जाती है ।
यानी कि बैंक प्रबंधन कैंटीन से किराया वसूल कर दिखा नहीं सकता इसके लिए बैक डोर से मंदिर समिति के खाते में कैंटीन संचालक से प्रतिमाह ₹8000 जमा करवाए जाते हैं जबकि पूर्व में यह राशि ₹5000 थी ।सहकारिता और बैंकिंग के नियमों के अनुसार बैंक किसी अन्य तरह की व्यावसायिक गतिविधि नहीं कर सकता है इसके बावजूद प्रबंधन ने बैकडोर से यह व्यवसायिक गतिविधि चला रखी है।। इतना ही नहीं बल्कि एक अन्य कक्ष जो की बैंक की संपत्ति थी उसे भी कैंटीन संचालक के हवाले कर दिया ताकि कैंटीन के लिए पर्याप्त जगह मिल सके बैंक प्रबंधन की यह व्यवसायिक गतिविधि फलती फूलती रहे। बैंक प्रबंधन समिति यह भी व्यावसायिक कार्य कर रहे कैंटीन संचालक को अपनी इनकम बढ़ाने के लिए सहूलियत दे दी। जबकि नियमों के अनुसार इस कैंटीन का व्यवसायिक उपयोग नहीं हो सकता है यह कैंटीन सिर्फ और सिर्फ बैंक के कर्मचारियों अधिकारियों के चाय एवं अन्य रिफ्रेशमेंट के लिए बनाई गई थी।
सूचना का अधिकार के तहत जवाब
बैंकिंग नियमों के तहत बैंकिंग कार्य के अलावा नैनीताल जिला सहकारी बैंक कोई अन्य कार्य नहीं कर सकता है इसके बावजूद कैंटीन संचालक से ₹1000 किराया वह वसूलता था बाद में यह किराया घटकर ₹500 कर दिया गया यह किराया इसलिए घटाया गया की बैंक को इसका हिसाब किताब न रखने पड़े इसके अलावा इसमें मंदिर समिति भी बनाई गई लेकिन बैंक प्रबंधन समिति दूसरे रास्ते से कैंटीन संचालक से किराया वसूल रही है वह प्रतिमाह ₹8000 मंदिर के पाठ पूजा के लिए संचालक से लेती है। पूर्व में यह राशि 5000 थी । वर्ष 2015 में बैंक प्रबंधन समिति ने प्रस्ताव लाकर मंदिर समिति के लिए कैंटीन संचालक से ₹200000 जमा करवाएं यह किस तरह का लेनदेन है एक और तो कैंटीन संचालक का किराया ₹1000 प्रतिमा से घटकर ₹500 प्रतिमा कर दिया जाता है
वहीं मंदिर के संचालन के लिए ₹5000 की राशि ₹8000 कर दी जाती है निश्चित रूप से यह एक बड़ा घोटाला है ।जो कैंटीन व्यावसायिक रूप में कार्य नहीं कर सकती है उसे व्यावसायिक रूप में कार्य कराया जा रहा है तथा उसी से मंदिर समिति के लिए ₹8000 प्रति प्रति माह भी वसूले जा रहे हैंकॉपरेटिव बैंकिंग नियमों के तहत किसी भी तरह का व्यावसायिक कार्य बैंक के द्वारा नहीं किया जा सकता लेकिन यह प्रत्यक्ष न होकर अप्रत्यक्ष रूप से इस कैंटीन का व्यवसायिक्करण कर दिया गया है लोगों के ओर से जानकारी दी गई है कि प्रतिदिन इस कैंटीन की इनकम रुपए 20000 से अधिक है। बैंक प्रबंधन समिति आखिर किस तरह से बैंकिंग नियमों का उल्लंघन कर रही है सूचना के अधिकार के तहत यह भी बताया गया है कि मंदिर समिति जो की बैंक की है वह किसी भी सोसाइटी के तहत रजिस्टर्ड नहीं है
तथा इसमें कई स्रोतों से धन इकट्ठा करवाया जाता है उसे धन का उपयोग कौन करता है।पूर्व से ही यह कैंटीन चलती आ रही है जब से बैंक चल रहा है यह कैन्टीन ऐसी ही चलती आ रही है रजिस्ट्रार बैंकिग की ओर से जैसे दिशा निर्देश मिलते हैं इस नियम नियमों के तहत नैनीताल जिला सहकारी बैंक अपना काम करता आया है वर्तमान में मैं स्वयं प्रबंध समिति में नहीं हूंइस तरह की कोई शिकायत मेरे संज्ञान में नहीं है सूचना के अधिकार के तहत यह मामला आया है अगर इस तरह की शिकायत मेरे पास आती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।आलोक पांडे रजिस्ट्रार उत्तराखंड सहकारी समितियांयह मामला पूर्व का है बैंक ने निबंधक उत्तराखंड सहकारी समितियां के निर्देश के तहत सूचना का अधिकार दिया है जैसा निर्देश हमें उच्च स्तर पर प्राप्त होगा उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
महाप्रबंधक नैनीताल डिस्टिक कोऑपरेटिव बैंक।मेरेआ संज्ञान में यह मामला आपके द्वारा लाया गया है निश्चित रूप से शिकायत होने पर कार्रवाई की जाएगी ज्वाइंट रजिस्टार होने के नाते मैं रजिस्टर उत्तराखंड सहकारी समिति दे दिए गए आदेशों के तहत कार्रवाई करूंगा त्रिपाठी जॉइंट रजिस्ट्रारइस संबंध में सहकारिता मंत्री धन सिंह से संपर्क साधने का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया जैसे ही संपर्क होगा उनका बयान लेकर फिर खबर प्रकाशित की जाएगी