कॉर्बेट पार्क में मगरमच्छ,घड़ियाल की संख्या बढ़ी,ऊतबिलाऊ की घटी संख्या।

कॉर्बेट पार्क में मगरमच्छ,घड़ियाल की संख्या बढ़ी,ऊतबिलाऊ की घटी संख्या।

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रिपोट -सलीम अहमद साहिल

स्थान -रामनगर

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व बाघ,हाथी,गुलदार,भालू,पक्षियों आदि वनों और वन्यजीवों के लिए ही नही जाना जाता बल्कि यहां पर पर्यटक जलीव जीवों के दीदार के लिये भी पहुंचते है,हर वर्ष पार्क प्रशासन जलीव जीवों की गड़ना का कार्य करता है, इस वर्ष भी फरवरी और मार्च के प्रथम सप्ताह में इन जलीव जीवों की गड़ना का कार्य किया गया था,जिसमे कार्बेट में मगरमच्छ-घड़ियाल तो बढ़े

लेकिन ऊदबिलाव घटेइस बार की गड़ना में मगरमच्छ की संख्या 50 प्रतिशत तो घड़ियाल की संख्या में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। मगर ऊदबिलाव की संख्या में गिरावट आना चिंता का विषय है।बता दें कि पार्क की 12 रेंजों में इस माह 5 से 7 मार्च तक तीन दिनी जलीय जीव गणना की गई थी। ग्रीष्मकालीन जलीय जीव गणना के लिए विभिन्न रेंजों के तहत नदी क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र चिन्हित किये गये थे,जबकि इसमें सीटीआर के समस्त नदी क्षेत्र, डूब क्षेत्र एवं कालागढ़ बांध क्षेत्र के विशाल परिदृश्य को सम्मिलित किया गया,

इस कार्य में डाइरेक्ट साइटिंग मैथड (प्रत्यक्ष उपस्थिति प्रणाली) अपनाया गया, जिसमें मगरमच्छ, घडि़याल व ऊदबिलाव की गणना की गई।कार्बेट में जलीय जीव गणना के परिणाम इस प्रकार है।2023 में घड़ियाल 102 देखे गए थे,वहीं 2024-183 इस प्रकार 81 घड़ियाल बढ़े है।मगरमच्छ 2023-129,और 2024 में 197 देखे गए,इस प्रकार 68 मगरमच्छ की संख्या में व्रद्धि हुई।वहीं ऊतबिलाऊ की बात करें

तो इनकी संख्या में कमी आई है,2023 में 183 ऊतबिलाऊ देखे गए थे,वहीं 2024 में 161 ऊतबिलाऊ की संख्या सामने आई है,इस प्रकार 22 ऊतबिलाऊ की संख्या घट गयी है।वहीं डायरेक्टर डॉ धीरज पांडे ने बताया कि इस गणना में ऊदबिलाव की संख्या में कमी आने का कारण प्रत्यक्ष रूप से इन्हें कम देखा जाना है। उन्होंने बताया कि ऊदबिलाव एकांतवासी होता है,

कई बार प्रत्यक्ष गणना में दिखाई नहीं देता। आगामी गणना में इस दुर्लभ प्रजाति के संरक्षण हेतु जलीय क्षेत्रों के आस-पास कैमरा ट्रैप्स का उपयोग किया जायेगा, जिससे इनकी संख्या का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है।