धूमधाम के साथ मनाई जायेगी मंगशीर की बग्वाल पौराणिक संस्कृति को बचाने के लिए किया जाता है आयोजन

धूमधाम के साथ मनाई जायेगी मंगशीर की बग्वाल पौराणिक संस्कृति को बचाने के लिए किया जाता है आयोजन

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रिपोर्ट – दीपक नौटियाल

स्थान -उत्तरकाशी

जनपद उत्तरकाशी जहां की संस्कृति पूरे विश्व मे फेमस है यहां के पौराणिक त्योहार जिसको मनाने के लिए देश विदेश से लोग यहां आते है हम बात कर रहे है मंगशीर की बग्वाल यानी कि दिसंबर की दीपावली जिसमे कि यहां के बीर भडो के स्वागत के लिए मनाया जाता है आमतौर पर दीपावली पूरे देश मे अक्टूबर या नम्बर मे मनायी जाती है

जिसके पीछे रीजन है कि भगवान रामचन्द्र ने लंका पर विजय के बाद इस दिन अयोध्या आये थे पर सीमांत जनपद उत्तरकाशी मे जो मंगशीर की दीपावली मनाई जाती है इसके पीछे एक बडी मार्मिक कहानी है कहाजाता है की राजशाही के समय यहां पर अक्सर विदेशी लोगों का आक्रमण होता रहता था

ओर आक्रमण कारी यहां लूट-पाट कर तिब्बत भागजाते थे दीपावली के समय भी ऐसा ही आक्रमण यहां पर हुवा था उस समय सेना तो संगठित नही होती थी पर यहां के बीर भडों ने पूरे एक महीने तक इन आक्रमण कारियों से युद्ध कर उनहे हरा दिया था ओर वह दीपावली के एक महीने बाद वापस लोटे थे

ओर उन्ही के स्वागत मे यहां पर इस दीपावली का आयोजन किया जाता है अनघा माउंटेन संस्थान एवं काशी-विश्वनाथ मन्दिर कमेटी हरसाल इस दीपावली का भव्यता के साथ यहां पर आयोजन करवाती है जिसमे देश-विदेश के लोग यहां की पौराणिक संस्कृति यहां के पहनावे यहां के खान-पान के साथ भैला नृत्य का आनंद लेते है इसबआर दीपावाली के एक महीने बाद 11-12-13 दिसंबर को मंगशीर की बग्वाल का आयोजन किया जा रहा है जिसके लिए लोगों का आना शुरू हो गया है