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रिपोर्ट मनीष
स्थान -पिथौरागढ़
पिथौरागढ़ जिले के मत्स्य पालन के मॉडल विलेज डुंगरी की तर्ज पर अब मध्य हिमालय के दर्जन भर गांवों में मत्स्य पालन को बढ़ाने की कवायद पूरी कर ली गई है अब पिथौरागढ़ के डीडीहाट, धारचूला और मुनस्यारी के चयनित गांवों में जनवरी 2024 से मत्स्य पालन शुरू किया जायेगा, जिसके बाद पिथौरागढ़ जिले को ट्राउट मछली के उत्पादक के रूप में पहचान मिलेगी. पिथौरागढ़ जिले के डुंगरी गांव ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है. इस गांव के लगभग सभी परिवार खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन कर अपनी आजीविका बढ़ा रहे हैं. डुंगरी गांव के मत्स्य पालन मॉडल को पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लागू किये जाने की कवायद राष्ट्रीय स्तर पर भी चल रही है.
ट्राउड मछली पालन के लिए चुने गए ये गांव
मत्स्य पालन विभाग ने अब डुंगरी की तरह ही मध्य हिमालय की श्रेणी में आने वाले जिले की धारचूला, मुनस्यारी और डीडीहाट तहसील के दर्जन भर गांवों में मत्स्य पालन को बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है. डीडीहाट तहसील के अंतर्गत खेतार कन्याल के दूनाकोट, मुनस्यारी में जैंती, नमजला, भैंसकोट, धारचूला में समरै, दांतू आदि गांवों को ट्राउट मछली पालन के लिए चयनित किया गया है. डीडीहाट क्षेत्र के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिसके लिए मत्स्य पालन विभाग का सहयोग लिया गया है जिससे पहाड़ के किसानों की आय को बढ़ाया जा सके.
अंतिम चरण में है गांव बनाने का कार्य
इन गांवों में तालाब बनाने का कार्य अंतिम चरण में हैं. ट्राउट मछली पालन का प्रयोग इन गांवों में सफल साबित हुआ है. दिसंबर मध्य तक तालाब तैयार होने के बाद जनवरी से मत्स्य पालन शुरू होगा. इसके लिए मत्स्य पालन विभाग गांवों में समितियों का गठन भी करेगा जिसके माध्यम से कारोबार भी किया जायेगा।
मत्स्य पालन के लिए हुआ दर्जन भर गांवों का चयन
जिले के मत्स्य पालन अधिकारी डॉ आरएस चलाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि धारचूला, डीडीहाट और मुनस्यारी में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दर्जन भर गांवों का चयन किया गया है. इन गांवों में मत्स्य तालाब बनाये जा रहे हैं अगले साल से गांवों में मत्स्य पालन होने लगेगा जिससे ग्रामीणों की आमदनी बेहतर होगी.
नैनीसैनी गांव में जल्द लगेगी मिनी प्रोसेसिंग यूनिट
जिले के मत्स्य पालन कारोबार को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से शासन ने जिला मुख्यालय के नजदीक नैनी सैनी गांव में प्रोसेसिंग यूनिट की स्वीकृति दी है। लगभग सवा करोड़ की लागत से यूनिट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस यूनिट के लग जाने के बाद जिले में उत्पादित होने वाली मछली की प्रोसेसिंग कर उसे बड़े महानगरों में भेजा जा सकेगा। विमान सेवा शुरू होने के बाद यूनिट में तैयार प्रोसेस्ड मछली आसानी से देश भर में पहुंच सकेगी।