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रिपोटर -ब्यूरो रिपोट
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। यहां के किसानों फसल खराब हुई, खराब माली हालत रही, जिसके कारण यहां के 685 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।कृषि मंत्री के जिले में सबसे ज्यादा मौतेंमीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा बीड जिले का है। यहां 186 किसान मौत को गले लगा चुके हैं। बीड महाराष्ट्र के मौजूदा कृषि मंत्री धनंजय मुंडे का गृह जिला है।
मरने वाले किसानों ने अपनी जान मानसून के महीनों यानी जून से अगस्त के बीच दी है।मराठवाड़ा का सूखा किसानों के लिए परेशानीबताया जा रहा है कि मराठवाड़ा क्षेत्र इस साल भी बारिश की कमी से जूझ रहा है। यहां इस मानसून सीजन में 20.7 फीसदी तक कम बारिश हुई है। क्षेत्र में 11 सितंबर तक 455.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जो कि मानसून में होने वाली औसत 574.4 मिमी बारिश से काफी कम है।इन जिलों में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ाअभी तक सबसे ज्यादा आत्महत्या मराठावाड़ा में किसानों ने की है।
इसके अलावा 2023 में अब तक उस्मानाबाद में 113 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। तीसरा नंबर नांदेह का है, जहां 110 किसानों ने जान दी है। औरंगाबाद में 95, परभनी में 58, लातूर में 51, जालना में 50 और हिंगोली में 22 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।