
रिपोर्ट -दीपक नौटियाल
स्थान उत्तरकाशी
एक तरफ सरकार सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्रांति से उन्हें उच्च लेवल पर लाने की कोशिश में लगी हुई है वहीं जनपद उत्तरकाशी में सरकारी स्कूलों में किस प्रकार विद्यार्थियों का भविष्य बनाया जा रहा है ये आप देख सकते हैं कहीं स्कूलों में शिक्षक नहीं है कहीं एक शिक्षक के भरोसे ही विद्यालय चल रहा है जहां हम बात कर रहे हैं जनपद के सुदूरवर्ती गांव सेकू की जहां एक शिक्षिका ज्वाइनिंग के बाद आज तक स्कूल में नहीं आई है

वहीं दूसरी शिक्षिका तबादला वहां से अन्यत्र कर दिया गया है जिसके कारण वहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधेरे में लटक गया है दूसरी तस्वीर देखिए यह तस्वीर है प्राथमिक विद्यालय सिरी कोनगड की जहां एक शिक्षिका के भरोसे जर्जर भवन में अनुसूचित जाति के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षिका पढ़ाने में कम और ओफिस के कामों में ज्यादा व्यस्त रहती है

जिसके कारण वहां के लोग बच्चों के भविष्य के लिए पलायन करने को मजबूर हैं आज ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक से मिलकर स्कूलों में शिक्षक भेजनें का अनुरोध किया और दस दिन के भीतर शिक्षक तैनात न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी विधायक का कहना है कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले पर बात करेंगे और जल्दी ही शिक्षकों को तैनात करने का भरोसा दिया

