उत्तराखंड का पांचवां धाम जहां प्रत्यक्ष रूप में विराजमान हैं भगवान श्री कृष्ण

उत्तराखंड का पांचवां धाम जहां प्रत्यक्ष रूप में विराजमान हैं भगवान श्री कृष्ण

रिपोर्ट -दीपक नौटियाल

उत्तराखंड का पांचवां धाम सेम मुखेम जहां के हर तिनके तिनके में भगवान श्री कृष्ण विराजमान हैं स्कन्द पुराण में इस पूरे क्षेत्र को उत्तरकी द्वारिका के नाम से जाना जाता है कहते हैं कि द्वारिका के समुद्र में जल मग्न हो जाने के बाद भगवान श्रीकृष्ण इस स्थान पर विराजमान हुए थे

वहीं कुछ विद्वान गंगू रमोला जो कि इस क्षेत्र यानी कि रमोली का राजा था उसके उद्धार के लिए यहां आते थे वहीं कुल लोग इस स्थान को पांडव काल से भी जोड़ते हैं पर यहां पर पहुंचने के बाद आपको आलौकिक दुनिया का अहसास होता है आज हमारी टीम यहां पहूंची

तो मन्दिर के प्रवेशद्वार से ही आलौकिक शक्तियां देखने को मिलने लगी यहां पर भूत प्रेत स्वयं प्रकट होकर भगवान से मुक्ति का आशीर्वाद मांगते हैं जोकि आप स्क्रीन पर देख सकते हैं साथ ही यहां हजारों साल पुराना पेड़ जोकि एक पत्थर के ऊपर जमा हुवा है जिसे यहां नागिन का अवतार माना जाता है वहीं डुगडुगी सेम में एक विशाल पत्थर जोकि आस्था रखने वाले भक्तों की अंगुली मात्र के स्पर्श से हिलने लगी जाता है आइये आप भी दर्शन करें भगवान कृष्ण के आलौकिक धाम का