
रिपोर्ट : दीपक नौटियाल
स्थान ; उत्तरकाशी

उत्तरकाशी जिले के सिलाई बैण्ड क्षेत्र में हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद अस्थायी रूप से बाधित हुई यमुनोत्री धाम यात्रा अब फिर से सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से शुरू हो गई है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल ने स्यानचट्टी पहुंचकर आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं।


ग्रामीणों ने रखीं ये प्रमुख मांगे:
- कुंसाला, कुपड़ा और त्रिखली गांवों को जोड़ने वाले मोटर पुल की एप्रोच सड़क का पुनर्निर्माण
- ग्रामीण पैदल मार्गों की मरम्मत और सुरक्षा कार्य
- स्यानचट्टी में बाढ़ सुरक्षा प्रबंधों को प्राथमिकता
- गदेरे से आए मलबे के कारण नदी के अवरुद्ध बहाव को सुचारू करने की आवश्यकता

जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क मार्गों को शीघ्र बहाल करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्यानचट्टी में मलबे से रुके पानी की निकासी का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जा रहा है।

यात्रा मार्ग इस प्रकार संचालित हो रहा है:
- यमुनोत्री धाम से लौटने वाले श्रद्धालु ओजरी तक ट्रांसशिपमेंट से आ रहे हैं।
- उसके बाद लगभग 400 मीटर का पैदल मार्ग तय कर सिलाई बैण्ड पहुंच रहे हैं।
- वहां से आगे उन्हें फिर से वाहनों के जरिए गंतव्य तक भेजा जा रहा है।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि सिलाई बैण्ड के पास सड़क मार्ग का कार्य अंतिम चरण में है और जल्द ही वाहन ओजरी के एक छोर तक पहुंच सकेंगे। जब तक यह मार्ग पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाता, तब तक ओजरी से ट्रांसशिपमेंट की व्यवस्था जारी रहेगी।


डीएम ने स्वयं पैदल पहुंचकर किया निरीक्षण:

जिलाधिकारी ने सिलाई बैण्ड से स्यानचट्टी तक पैदल चलकर क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का जायजा लिया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

पैदल मार्ग पर आईटीबीपी, एसडीआरएफ, वन विभाग और पुलिस की मौजूदगी में तीर्थयात्रियों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा रहा है। वहीं जानकीचट्टी, राणा चट्टी और स्यानचट्टी से करीब 400 तीर्थयात्री ट्रांसशिपमेंट के जरिए बड़कोट भेजे गए।

प्रशासन द्वारा पैदल मार्ग पर जलपान और अन्य आवश्यक सेवाएं भी उपलब्ध कराई गईं। इस दौरान डीएम ने यात्रियों से संवाद कर उनकी सुविधा और अनुभव की जानकारी ली।
यात्रा फिलहाल निरंतर जारी है और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्यरत है ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

