देहरादून।
उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए नई एसओपी बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह एसओपी कॉलेजों में चिकित्सकों, कर्मचारियों और अधिकारियों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करेगी, और इसका पालन अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अपने शासकीय आवास पर चिकित्सा शिक्षा विभाग
की समीक्षा बैठक में डॉ. रावत ने मेडिकल कॉलेजों में मरीजों और कर्मचारियों के लिए कई नई व्यवस्थाएं लागू करने के निर्देश दिए। सभी मेडिकल कॉलेजों में एक जनवरी 2025 से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। मरीजों को प्रतिदिन मिलने वाले भोजन का मेन्यू हर वार्ड के बाहर प्रदर्शित किया जाएगा। मरीजों के बेड की चादरें रोज बदली जाएंगी, जिनके लिए सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग रंग निर्धारित किए जाएंगे। डॉ. रावत ने कहा
कि अस्पतालों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज और कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट की होगी। आईसीयू और जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीजों से मिलने के नियम कड़े किए जाएंगे। अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ केवल एक तीमारदार को प्रवेश की अनुमति होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने फैकल्टी के रिक्त पदों को जल्द भरने और पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन व वार्ड ब्वॉय की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के जरिए करने का निर्देश भी दिया।
बैठक में हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एम.एल. ब्रह्म भट्ट, अपर सचिव नमामि बंसल, निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।